China Phishing Attack: अमेरिका के लिए भी चुनौती बनी चीन की नई चाल, सागर में उतरे हजारों फिशिंग ट्रॉलर

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चीन। ताइवान के बेहद निकट अपनी सैन्य ताकत की नुमाइश दिखाने के साथ ही अब ड्रैगन ने अपनी एक और सैन्य ताकत को समंदर में उतार दिया है। यह ताकत है उसकी फिशिंग बोट्स (China Phishing Attack) । बताया जा रहा है कि हजारों की संख्या में चीन के फिशिंग ट्रॉलर और जहाज दक्षिण अब पूर्व चीन सागर में रवाना कर दिए गए हैं। चीन इस हरकत से पश्चिमी देशों के माथे पर लकीरे छ गई है। आमतौर पर गर्मियों के सीजन में इन नौकाओं के मछली पकड़ने पर प्रतिबंध होता है ताकि समुद्र को जीव संपदा जोड़ने का वक्त मिल सके।

खबरों की मानें तो मई से अगस्त मध्य तक के लिए प्रभावी इस समय सीमा के समाप्त होते ही 16 अगस्त की दोपहर से चीन के फिशिंग ट्रॉलर पूर्वी चीन सागर और दक्षिण चीन सागर में दौड़ लगाने लगे हैं। आपको बता दें कि यह ताइवान के दोनों तरफ का समुद्री इलाका है। चीन समुद्र तट से मात्र 160 किमी की दूरी पर स्थित ताइवान के लिए यह के बड़ा संकट साबित हो सकता है क्योंकि इस इलाके में चीनी नौकाओं की बहुतायत में मौजूदगी और बड़े पैमाने पर उनकी फिशिंग (China Phishing Attack) गतिविधियां मौजूदा तनाव में और अधिक मुसीबत बढ़ा सकती है। साथ ही मछली पकड़ने को लेकर भी टकराव की स्थितियां बन सकती है।

फिशिंग अटैक दक्षिण अमेरिका के लिए बना चुनौती

बताया जा रहा है कि चीन का यह फिशिंग अटैक (China Phishing Attack) सिर्फ ताइवान के लिए ही नहीं पूर्वी एशिया और दक्षिण अमेरिका के लिए भी चुनौती बन रहा है। चीन के मछुआरा जहाज अब प्रशांत महासागर के किनारे पर मौजूद दक्षिण अमेरिका के नजदीकी इलाके तक भी पहुंचने लगे हैं। दरअसल, खुले समुद्र में चूंकि किसी देश का नियम नहीं चलता है। ऐसे में यहां संख्या बल ही सबसे बड़ी ताकत मानी जाती है। ऐसे में दुनिया का सबसे बड़ा मछुआरा नौकाओं का बेड़ा है। एक अनुमान के अनुसार चीन के पास लगभग17 हजार डीप वॉटर फिशिंग जहाजों का बेड़ा है। (China Phishing Attack)

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