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फर्जी आधार कार्ड और ई-पॉश मशीन से जुड़े सॉफ्टवेयर में सेंधमारी कर करोड़ों के राशन घोटाले की जांच स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) को सौंपी गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर शासन ने एसटीएफ से जांच करने का निर्णय किया है।

एसएसपी एसटीएफ ने जांच मिलने के बाद खाद्य तथा रसद विभाग को पत्र लिखकर घोटाले से जुड़ी साक्ष्य मांग लिए हैं। उधर, जांच टीम को साक्ष्य मुहैया कराए जाने के लिए रसद विभाग ने भी एक टीम गठित कर दी है।

खाद्य एवं रसद आयुक्त आलोक कुमार ने बताया कि मामले में की जांच एसटीएफ से कराए जाने के निर्देश मुख्यमंत्री की ओर से दिए गए थे, जिसके बाद एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह ने उनसे मुलाकात की और पूरी जानकारी ली। एसटीएफ से समन्वय स्थापित करने के लिए अपर आयुक्त अनूप शंकर को नोडल अधिकारी नामित किया है।

नोडल अधिकारी के सहयोग हेतु कमेटी में एनआईसी के वरिष्ठ तकनीकी निदेशक और खाद्यायुक्त कार्यालय के कंप्यूटर प्रोग्रामर को शामिल किया है। इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को भी सूचना भेजी गई है, जिसमें निर्देश दिया गया है कि जांच हेतु एसटीएफ की तरफ से मांगे जाने वाले सभी साक्ष्य को बिना किसी देरी के मुहैया कराया जाए।

जल्द ही शुरू होंगी गिरफ्तारियां

उधर, एसटीएफ को जांच सौंपे जाने के बाद खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के लिए चिंताएं बढ़ गई हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही घोटाले से जुड़े लोगों की गिरफ्तारियों को सिलसिला भी शुरू हो जाएगा।

आधार कार्ड की फीडिंग में हेराफेरी करके करोड़ों रुपये के अनाज की हेराफेरी किए जाने का खुलासा हुआ था। इसमें इलाहाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, कानपुर समेत कुल 43 जिले शामिल थे। पहले चरण में ई पॉज मशीनों से अनाज वितरण शहरी क्षेत्रों में शुरू किया गया था। यही वजह है कि शहरी क्षेत्रों में ही ज्यादातर यह घोटाला किया गया।

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