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भारत में लोकसभा इलेक्शन के नतीजे मंगलवार को घोषित किये जायेंगे। इस बीच रविवार को ही दो राज्यों अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हुए हैं, जिनमें से बीजेपी ने अरुणाचल प्रदेश की 60 में से 46 सीटें जीत ली हैं। बीजेपी को पिछली बार से कुछ ज्यादा सीटें मिली हैं। 

मगर दूसरी ओर, अरुणाचल प्रदेश में कई सालों से सत्ता पर काबिज कांग्रेस की हालत इस बार बेहद खराब है और पार्टी को सिर्फ एक सीट से ही संतोष करना पड़ा है। इतना ही नहीं, अब जानकारी सामने आई है कि कांग्रेस को 41 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार ही नहीं मिले।

2019 में कांग्रेस ने अरुणाचल प्रदेश में 4 सीटें जीतीं। मगर इस बार कांग्रेस राज्य की 60 में से सिर्फ 19 सीटों पर ही चुनाव लड़ सकी। इस संबंध में जो कारण सामने आ रहे हैं उसके मुताबिक पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने उम्मीदवार उतारने के पार्टी के फैसले का उल्लंघन किया है। कांग्रेस के कई नेता ऐन मौके पर चुनाव मैदान छोड़कर भाग गये। कई लोग बीजेपी में चले गए। मगर पूर्वी कामेंग जिले के बामेंग विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस द्वारा उम्मीदवार बनाए गए कुमार वाई जीतने में सफल रहे। वह इस चुनाव में जीतने वाले कांग्रेस के एकमात्र उम्मीदवार बने।

इस बीच कांग्रेस ने अरुणाचल प्रदेश चुनाव के लिए 35 उम्मीदवारों की सूची तैयार की थी। मगर उनमें से 10 ने नामांकन फॉर्म नहीं भरा। बाकी बचे उम्मीदवारों में से 5 ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली। कनुबारी लोकसभा क्षेत्र से सोम्फा वांगसा ने नामांकन फॉर्म की जांच के बाद अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली और भाजपा में शामिल हो गईं। इस बीच बीजेपी के साथ कथित मिलीभगत के आरोप के चलते कांग्रेस के कई नेताओं को पार्टी से बाहर कर दिया गया। 9 लोगों की उम्मीदवारी तय थी। मगर उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा।

 

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