Hindutva की सॉफ्ट छवि तलाशती कांग्रेस, प्रियंका गांधी के इस दांव पर भाजपा में हलचल

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शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

आज बात होगी कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी की। दो दिन यानी बुधवार और गुरुवार को प्रियंका उत्तर प्रदेश में आक्रामक अंदाज में नजर आईं । इस दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका ने पश्चिम उत्तर प्रदेश में किसानों की महापंचायत के साथ ‘हिंदुत्व‘ (Hindutva) की राह पर चलने की ओर संकेत भी दे दिए। बात को आगे बढ़ाएं उससे पहले आपको बता दें कि कांग्रेस लगातार प्रियंका गांधी को हिंदुत्व छवि के तौर पर जनता के सामने पेश कर रही है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव अगले वर्ष होने हैं। सभी सियासी दलों ने अपनी-अपनी तैयारी शुरू कर दी है। (Hindutva)

Priyanka on the path of 'Hindutva' 1

त्रिवेणी में पवित्र डुबकी लगाई

तीन दशक से भी ज्यादा यूपी की सत्ता से दूर कांग्रेस प्रियंका गांधी को ताकतवर चेहरे के रूप में पेश करना चाहती है। कांग्रेसी नेताओं को उम्मीद है कि यूपी में लड़खड़ाई पार्टी को सिर्फ प्रियंका गांधी ही पटरी पर ला सकती हैं । अब बात करते हैं प्रियंका के सहारनपुर दौरे की। कांग्रेस महासचिव जब किसानों की महापंचायत में जाने से पहले उन्होंने वहां प्रसिद्ध शाकुंभरी देवी के दर्शन किए। उसके बाद गले में रुद्राक्ष की माला धारण करने के साथ माथे पर तिलक लगाकर किसानों के बीच पहुंचीं । इस मौके पर सभा के मंच पर प्रमुख अखाड़ों के संत भी उपस्थित थे, प्रियंका ने हिंदुत्व (Hindutva) चेहरे के साथ उनसे आशीर्वाद लिया।

गुरुवार को देश भर में हिंदुओं (Hindutva) की आस्था का प्रतीक मौनी अमावस्या का त्योहार श्रद्धा के साथ मनाया गया । मौनी अमावस्या पर गंगा, यमुना और सरस्वती के त्रिवेणी में स्नान को बहुत पवित्र माना जाता है । कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने स्नान पर्व पर त्रिवेणी में पवित्र डुबकी लगाई। प्रियंका ने अपने बेटे रेहान और बेटी मिराया के संग संगम पर पूजा पाठ कर सूर्य देवता को अर्घ्य दिया । फिर यमुना किनारे स्थित मनकामेश्वर मंदिर पहुंचकर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती से आशीर्वाद लिया।

प्रियंका की तरफ देखकर बोले तिवारी, नाव की तरह कांग्रेस और देश को भी खेवनहार की जरूरत

संगमनगरी में उनका यह प्रवास पांच घंटे का रहा। संगम स्नान की प्रियंका की तस्वीर सोशल-मीडिया में वायरल हो गई । इस दौरान प्रियंका गांधी ने नाव भी चलाई । बगल में नाव से चल रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने प्रियंका की तरफ देखकर कहा नाव की तरह कांग्रेस और देश को भी खेवनहार की जरूरत है। प्रियंका ने लाल रंग की साड़ी, नारियल, दूध, फूल, मिठाई, फल और रुद्राक्ष की माला के साथ तीर्थ पुरोहित को दक्षिणा भेंट की। प्रियंका यूपी में अपनी पार्टी को हिंदुत्व (Hindutva) का सॉफ्ट चेहरा दिखाने में लगी हुई हैं । प्रियंका गांधी की तैयारियों को देखते हुए विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी का सियासी दांव श्रीगणेश माना जा रहा है ।

वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के अमेठी से हारने पर प्रियंका यूपी में हैं सक्रिय

वर्ष 2019 में कांग्रेस यूपी के लोकसभा चुनाव में बड़ी मुश्किल से अपना खाता खोल पाई थी। पार्टी की एकमात्र प्रत्याशी रायबरेली से सोनिया गांधी लोकसभा चुनाव जीतीं । गांधी परिवार ने अपनी परंपरागत सीट अमेठी भी गंवा दी थी। राहुल गांधी इस सीट से भाजपा की नेता स्मृति ईरानी से हार गए थे। उसके बाद कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने भी माना, राहुल गांधी फेल हो गए। कांग्रेसी नेता प्रियंका गांधी को यूपी में सीएम चेहरे के रूप में पेश करना चाहते हैं। (Hindutva)

लखनऊ बन सकता है स्थायी ठिकाना (Hindutva)

साथ ही पार्टी को वनवास से निकालने में प्रियंका ही उनको सबसे बड़ी ताकत के रूप में दिखाई देतीं हैं। वैसे उत्तर प्रदेश के अहम मुद्दों को लेकर प्रियंका की सक्रियता लगातार जारी है । कांग्रेस की अंदरूनी उठापटक के दौरान हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव ने मौजूदा संकट को थामने के प्रयासों में सक्रिय भूमिका भी निभाई है। संभव है कि आने वाले दिनों में प्रियंका का स्थाई ठिकाना उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ ही बन जाए । प्रियंका को लखनऊ में लाने के लिए कांग्रेसी कार्यकर्ताओं से लेकर नेता भी तैयारियों में जुटे हुए हैं। (Hindutva)

भाजपा के दरकिनार और रूठे हुए हिंदू (Hindutva) वोटरों पर नजर

कृषि कानून को लेकर जिस तरह से पश्चिम यूपी में महापंचायतों का दौर है, उसमें कांग्रेस किसी भी हाल में अपने आपको पीछे नहीं रखना चाहती । प्रदेश में तीन दशक से सत्ता का राजनीतिक वनवास झेल रही कांग्रेस अब सॉफ्ट हिंदुत्व के मुद्दे को आत्मसात कर 2022 की सियासी जंग जीतना चाहती है । यूपी में कांग्रेसियों की भाजपा के उन हिंदू (Hindutva) वोटरों पर नजर है जो पार्टी से दरकिनार या रूठे हुए हैं, उनको अपने साथ मिलाया जाए । कांग्रेस महासचिव प्रियंका की नजर उस हिंदू बोर्ड पर है जिसका भारतीय जनता पार्टी से मोहभंग होने लगा है । सवाल यह है कि क्या प्रियंका गांधी का ये हिंदुत्व का नया अवतार उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की नैया कितनी पार लगा पाएगा।

 

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