विवादास्पद कंपनी Crayons Advertising Private Limited और आईएएस का गठजोड़, दागी कंपनी करेगी उद्यान विभाग के कामों का प्रचार-प्रसार

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लखनऊ। यूपी में सीएम क्रिएटिव एजेंसी रही क्रेयोन्स एडवरटाइजिंग प्राइवेट लिमिटेड (Crayons Advertising Private Limited) के कारगुजारियों की भनक जब सूचना विभाग के अफसरों को लगी तो क्रेयोन्स को सीएम आफिस से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। अब यही एजेंसी उद्यान महकमे के मुखिया के सम्पर्क में है और अब अपना पुराना खेल खेलने की योजना बना रही है। आप सोच रहे होंगे कि यह पुराना खेल क्या है तो आपको बता दें कि वर्ष 2017 में करोड़ो रूपये के सरकारी विज्ञापन घोटाले को लेकर क्रेयोन्स को राजस्थान सरकार ने काली सूची में डाल दिया था। क्रयोन्स पर मुकदमों की एक लम्बी फेहरिस्त है।

उद्यान महकमे के मुखिया का भी विवादों से पुराना नाता

वैसे उद्यान महकमे के मुखिया का भी विवादों से पुराना नाता रहा है। वह अकूत संपदा के मालिक हैं। बेशकीकीमती घड़ियां व अंगूठियां पहनने के शौकीन महोदय को ब्यूरोक्रेसी में पहचानने वाले उन्हें इसी रूप में जानते हैं और उनकी इस बाबत मिसाल भी देते हैं। वही अब इस एजेंसी पर मेहरबान हो गए हैं और उद्यान महकमे के करोड़ों रूपए के प्रचार प्रसार की जिम्मेदारी इसी एजेंसी (Crayons Advertising Private Limited) को सौंपने की तैयारी की जा रही है। फिलहाल, यू पी के तमाम भ्रष्ट और जलवेदार अफसरों की रग-रग पहचान चुकी इस बदनाम कंपनी का राजस्थान से लेकर उत्तर प्रदेश में जो ताकतवर गठजोड़ बना है, उसने सारे नियम कानून ताक पर रख दिए हैं।

राजस्थान में ब्लैकलिस्टेड है कम्पनी Crayons Advertising Private Limited

आपको यह भी बता दें कि इस विवादास्पद कम्पनी (Crayons Advertising Private Limited) का चयन बाकायदा सीएम क्रिएटिव एजेंसी के रूप में कर लिया गया था। तीन साल तक यह कंपनी ठसक के साथ बाकायदा लोकभवन में काबिज रही लेकिन कुछ माह पहले ही इसे बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। क्रेयोन्स एडवरटाइजिंग प्राइवेट लिमिटेड के मालिक अजय चोपड़ा राजस्थान में करोड़ों रूपये के विज्ञापन घोटाले के आरोपी है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने उन्हें वर्ष 2017 में गिरफ्तार किया था और अपराध संख्या 407/2014 के तहत 420, 468, 467, 471, 474, 120 बी एंड पीसी एक्ट 13(2) की संगीन धाराओं में उन्हें सलाखों के पीछे जाना पड़ा। उस समय राजस्थान में भाजपा सरकार थी। चोपड़ा 2 मई से 31 जुलाई 2017 तक जेल में रहें। 31 जुलाई को हाईकोर्ट ने उनकी जमानत को मंजूरी दी। उस दरम्यान राज्य में भाजपा सरकार थी।

विवादास्पद कम्पनी पर फिदा आईएएस

उनका केस राजस्थान सरकार में चल रहा है। सत्ता के गलियारों में क्रेयोन्स (Crayons Advertising Private Limited) का रसूख ही है कि उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज केस के वापसी की प्रक्रिया शुरू करा दी। पर केस वापस होता, उसके पहले राजस्थान सरकार द्वारा केस वापसी के विरुद्ध प्रोटेस्ट दाखिल कर दिया गया और उसकी अगली सुनवाई की तारीख भी निर्धारित है। इस मामले में याचिकाकर्ता शंकर सिंह गुर्जर का कहना है कि हमने प्रोटेस्ट फाइल कर दिया है। इतनी विवादास्पद कंपनी होने के बाद उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के मुखिया का दिल इस कंपनी पर आ गया है और एक हफ्ते के भीतर रामराज्य में यह कंपनी उक्त विभाग का करोड़ों के प्रचार प्रसार का काम करने को कमर कस चुकी है।

उपरोक्त प्रकरण में उद्यान विभाग निदेशक डॉ आर के तोमर से जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने पल्ला झड़ते हुए कहा कि ऐसा कुछ उनकी जानकारी में नहीं है। वहीँ पुख्ता सूत्रों की मानें तो क्रेयॉन्स को प्रचार प्रसार का कार्य अलॉट करने को लेकर उच्च लेवल पर सब कुछ तय हो चुका है

एग्रीमेंट हुआ नहीं कि दौड़ उठी सीएम क्रिएटिव एजेंसी के करोड़ों रूपये के बैकडेट से भुगतान की फाइल

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