भोपाल। Corona Virus के बड़तें मामलें है कि, थमने का नाम नहीं ले रहा है। आपको बता कि, भोपाल का हाल ये कि शनिवार को 395 सैंपल की जांच में Corona Virus के 21 Patients मिले है वहीं लक्ष्य के मुकाबले 25 प्रतिशत सैंपलिंग हुई है। मास्क को लेकर भी लापरवाही बरती जा रही है।
मामला भोपाल समेत प्रदेश भर में Corona Virus के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। भोपाल और इंदौर में सबसे ज्यादा Patients मिल रहे हैं। शनिवार को भोपाल मे 395 सैंपल की जांच में 21 मरीज मिले है। इसके बाद भी हाल यह है कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। लक्ष्य के मुकाबले 25 से 30% सैंपलिंग ही हो रही है। प्रशासन ने महज चेतावनी जारी कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली है।
हालांकि यह राहत की बात है कि फिलहाल Corona Virusका कोई बहुत ज्यादा संक्रामक और घातक वेरिएंट सक्रिय नहीं है, वरना इस तरह की लापरवाही से हाहाकार की स्थिति बन सकती थी। भोपाल में हर दिन 20 से ज्यादा Patients मिल रहे हैं। संक्रमण दर भी 7% से ऊपर है।
इसके बाद भी हाल यह है कि जिले के लिए सैंपलिंग का एक दिन का लक्ष्य 2100 के मुकाबले हर दिन 500 सैंपल भी नही जांचे जा रहे हैं। भोपाल में औचक तौर पर सैंपल लेने के लिए Corona Virus की तीसरी लहर में 70 से 80 टीमें पूरे शहर में घूमती थी। अब हाल यह है कि सिर्फ तीन टीमें रानी कमलापति रेलवे स्टेशन में लगाई गई हैं।
नगर निगम और पुलिस की तरफ से भी खूब ढील दी गई है। भीड़ में भी एक-दो प्रतिशत लोग ही मास्क लगा रहे हैं, लेकिन मास्क नहीं लगाने वालों पर किसी तरह की रोक टोक नहीं है। 12 साल से कम उम्र के बच्चों को कोरोनारोधी टीका भी नहीं लगा है। इसके बाद भी स्कूलों में मास्क अनिवार्य नहीं किया जा रहा है।
गांधी मेडिकल कॉलेज के छाती एवं श्वास रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ लोकेंद्र दवे का कहना है कि लापरवाही बरतने पर कभी भी कोरोना खतरनाक रूप ले सकता है। इसकी वजह यह कि किसी को यह पता नहीं होता है कि कोरोना का नया वेरिएंट आ चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना का असर कम होने कारण कई लोगों ने टीका की दूसरी डोज नहीं लगवाई है। सतर्कता डोज लगवाने से भी लोग बच रहे हैं।
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