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लगभग तीन साल से दुनिया भर में कहर मचा रहा कोरोना (COVID-19) अब जल्द ही खत्म हो जायेगा। दरअसल भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक के नेतृत्व में एक टीम ने हाल ही में सामने आए कोरोना वायरस के बीए.1 और बीए.2 सहित सार्स-कोव-2 के सभी प्रमुख वेरिएंट की सबसे ‘कमजोर नब्ज’ का पता लगा लिया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना वायरस की इस कमजोरी को एंटीबॉडी के जरिए निशाना बनाया जा सकता है। साथ ही संभावित रूप से उस के इलाज का पता लगाया जा सकता है जो सभी वेरिएंट पर प्रभावकारी साबित हो। (COVID-19)

एक रिपोर्ट के मुताबिक नेचर कम्युनिकेशंस मैगजीन में छपे एक अध्ययन में क्रायो-इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी (क्रायो-ईएम) का इस्तेमाल वायरस के स्पाइक प्रोटीन की कमजोर जगह पर किया गया। (COVID-19) शोधकर्तओं ने कहा कि वायरस के खोजे गए कमजोर स्थान को एंटीबॉडी के माध्यम से निशाना बनाया जा सकता है। इसे इलाज का सही मार्ग मिल सकता है जो सभी तरह के वेरिएंट पर कारगर साबित हो सकता है। आपको बता दें कि ये शोध भारतीय मूल के वैज्ञानिक श्रीराम सुब्रमण्यम के नेतृत्व वाली टीम ने किया है।

WHO ने जारी की ये रिपोर्ट

गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की तरफ से हाल ही में जारी की गई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि कोरोना वायरस से संक्रमण के नए मामलों की संख्या में पिछले हफ्ते लगभग एक चौथाई की कमी आई थी। साथ ही मौतों की संख्या भी 6 फीसदी तक घट गई लेकिन एशिया के कुछ हिस्सों में अभी भी इसकी संख्या अधिक है (COVID-19)

मौतों में 12 फीसदी की बढ़ोतरी

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले हफ्ते कोविड 19 के 54 लाख नए मामले दर्ज किए गए जो उससे पिछले सप्ताह की तुलना में 24 फीसदी कम हैं। वहीं, अफ्रीका और यूरोप के देशों में मामलों में करीब 40 प्रतिशत और मध्य-पूर्व में एक तिहाई कमी दर्ज की गई। इसके अलावा पश्चिमी प्रशांत में 31 प्रतिशत और दक्षिण पूर्व एशिया में कोरोना से होने वाली मौतों में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। (COVID-19)

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