आधार कार्ड की वजह से चली गई शहीद की पत्नी की जान, ये है पूरा मामला

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new delhi ।। दिल्ली से सटे हरियाणा के सोनीपत जिले में कारगिल वॉर की शहीद की पत्नी की मौत का मामला गरमा गया है। अस्पताल प्रबंधन ने शहीद की पत्नी का इसलिए इलाज करने से इंकार कर दिया था, क्योंकि वो ओरिजिनल आधार कार्ड साथ नहीं लाई थी।

आधार कार्ड

दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई

इस मामले में हरियाणा सरकार ने भी जांच की बात कही है। सूबे के मुखिया मनोहर लाल खट्टर ने कहा- ‘मुझे इस मामले की जानकारी मिली है। हम इसकी जांच कराएंगे और दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

 

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अब इसे लेकर हर तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया आ रही है। इस मामले में केंद्र सरकार भी हरकत में आई है और स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने इसकी जांच की बात कही है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री चौबे ने कहा-‘ इस मामले में राज्य सरकार को संजीदगी दिखानी चाहिए। वहीं हमारे मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को क्लीनिकल एस्टेबलिशमेंट एक्ट लागू कराने को कहा है, ताकि इस तरह की घटनाएं आगे न हों।’

सरकार के अलावा कारगिल वॉर के दौरान अपनों को खो चुके दूसरे लोग भी इस घटना के खिलाफ खुलकर सामने आए हैं। कारगिल युद्ध के दौरान देश के लिए अपनी जान देने वाले मेजर सीबी द्विवेदी की बेटी दीक्षा द्विवेदी ने इस पर सख्त बयान दिया है।

मेजर सीबी द्विवेदी कारगिल युद्ध के दौरान शहीद

उन्होंने कहा है कि यह कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है कि ऐसा भी हो सकता है। मुझे अपने परिवार के लिए डर लगता है। सीजीएचएस के फायदे हैं, लेकिन इसे आधार कार्ड से जोड़ने और इसकी एक प्रति प्रस्तुत करना वाकई चौंकाने वाला है। बता दें कि मेजर सीबी द्विवेदी 2 जुलाई, 1999 को कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हो गए थे।

शहीद थापर के पिता ने अफसोस जताया

वहीं कारगिल शहीद कैप्टन विजयंत थापर के पिता वीएन थापर ने इस बेहद अफसोस जनक बताया है। उन्होंने कहा कि हम अलग तरह के इंसान बनते जा रहे हैं। ऐसी घटनाएं हमारे सैनिकों के मनोबल को प्रभावित करेंगी। बता दें कि कारगिल शहीद विजयंत थापर के पिता नोएडा में रहते हैं।

 

फोटो-फाइल

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