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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने केंद्र के 'जल जीवन मिशन' के कार्यान्वयन में मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत आज राजस्थान में आधा दर्जन से ज्यादा जगहों पर तलाशी ली।

धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के अंतर्गत सवेरे से ही कार्रवाई चल रही है। सूत्रों ने बताया कि जिन जगहों पर कार्रवाई की गई उनमें पूर्व मंत्री महेश जोशी का परिसर भी शामिल है।

मामले में ईडी का नया फैसला लगभग ढाई महीने बाद आया है जब उसने राजस्थान में 25 स्थानों पर छापेमारी की थी, जिसमें एक वरिष्ठ आईएएस अफसर, कई इंजीनियरों, ठेकेदारों और राज्य सरकार के पूर्व अफसरों के ठिकाने शामिल थे, जिनके इस मामले से जुड़े होने का संदेह था।

एजेंसी ने बीते वर्ष नवंबर में छापेमारी शुरू की थी और जिन स्थानों पर उन्होंने तलाशी ली वह राजस्थान के जयपुर और दौसा शहर में स्थित थे।

प्रवर्तन निदेशालय का मनी लॉन्ड्रिंग मामला राजस्थान पुलिस द्वारा पहले दर्ज की गई प्रथम सूचना रिपोर्ट पर आधारित है। भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने जून में राजस्थान में केंद्र सरकार के 'जल जीवन मिशन' के कार्यान्वयन में बीस हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया था।

उन्होंने इल्जाम लगाया था कि योजना की 48 परियोजनाओं में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर दो फर्मों को 900 करोड़ रुपये के टेंडर जारी किए गए थे।

'जल जीवन मिशन' का मकसद घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है और इसे राजस्थान सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।

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