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Up Kiran, Digital Desk: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बुधवार को एक ऐतिहासिक आदेश पारित करते हुए लोक निर्माण विभाग (PWD) को सख्त निर्देश दिया है कि वह पौड़ी गढ़वाल से अल्मोड़ा के सराईखेत तक अधूरी पड़ी सड़क का निर्माण कार्य चार महीने के भीतर पूरा करे। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंदर और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने यह आदेश एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।

31 वर्षों से अधूरी सड़क, ग्रामीणों की टूटी उम्मीदें

यह मामला पौड़ी गढ़वाल निवासी कमल चंद्र द्वारा दायर उस जनहित याचिका से जुड़ा है, जिसमें बताया गया कि वर्ष 1993 में चोकल (पौड़ी) से सराईखेत (अल्मोड़ा) तक 3 किलोमीटर लंबी सड़क की योजना बनाई गई थी। लेकिन तीन दशकों में केवल डेढ़ किलोमीटर का ही निर्माण हो सका है, और बाकी हिस्सा अब तक अधूरा है।

ग्रामीणों ने कई बार सरकार और PWD से संपर्क किया, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिले। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि इस अधूरी सड़क की वजह से ग्रामीणों को बीमारियों, आपातकालीन स्थितियों और रोज़मर्रा की आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

सरकार की सफाई और हाईकोर्ट की सख्ती

राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि सड़क के मध्य हिस्से में एक पुल का निर्माण होना बाकी है और इसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करके भेजी जा चुकी है। बजट स्वीकृति के बाद निर्माण शुरू किया जाएगा।

हालांकि, याचिकाकर्ता ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि DPR एक वर्ष पहले तैयार हो चुकी है, लेकिन अब तक बजट स्वीकृति नहीं दी गई है। इससे ग्रामीणों में गहरा असंतोष है और विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े होते हैं।

इस पर हाईकोर्ट ने सरकार की ढिलाई पर नाराज़गी जताई और बिना किसी और देरी के चार महीने में सड़क निर्माण पूरा करने का अंतिम आदेश जारी कर दिया।

जनता को मिली राहत, अब उम्मीदें जगीं

इस फैसले से इलाके के ग्रामीणों को नई उम्मीद मिली है। दशकों से जिस सड़क का इंतजार किया जा रहा था, अब उसकी तस्वीर अगले कुछ महीनों में बदल सकती है।

स्थानीय निवासी शांति देवी कहती हैं, "हमने कभी नहीं सोचा था कि यह सड़क हमारे जीवन में बनेगी। कोर्ट का धन्यवाद, जो हमारी आवाज़ बना।"

 

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