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Deepthi Jeevanji: मीडिया से बात करते हुए दीप्ति जीवनजी ने पैरालिंपिक में अपनी सफलता की यात्रा में बाधाओं के खिलाफ अपनी लड़ाई और परिवार से मिले समर्थन को याद किया। तेलंगाना के वारंगल की 20 वर्षीय दीप्ति ने महिलाओं की 400 मीटर टी20 स्पर्धा में कांस्य पदक जीता।

दीप्ति जीवनजी ने पेरिस पैरालिंपिक 2024 में महिलाओं की 400 मीटर टी20 श्रेणी की फाइनल रेस में भारत के लिए मेडल जीता। हालाँकि वह अपने सर्वश्रेष्ठ समय से चूक गईं, मगर दीप्ति यूक्रेन की यूलिया शुलियार (55.16 सेकंड) और तुर्की की विश्व रिकॉर्ड धारक आयसेल ओन्डर (55.23 सेकंड) से पीछे रहकर अपने देश के लिए एक बड़ा पदक जीतने में सफल रहीं।

ये पैरा-एथलीट के लिए एक यादगार पल था, जिसे अपने पड़ोसियों के मजाक से उबरना पड़ा, जिन्होंने उसकी बौद्धिक दुर्बलता का मज़ाक उड़ाया और उन्हें 'बंदर' तक कहा। दीप्ति के माता-पिता को उसे अनाथालय भेजने के लिए भी कहा गया था, लेकिन अब उन्होंने देश के लिए मेडल जीतकर अपनी आलोचना करने वालों को मुंह तोड़ जवाब दिया है।

दीप्ति ने आगे कहा कि मेरा जन्म ग्रहण के दौरान हुआ था, इसलिए हमारे पड़ोसी मेरे खिलाफ बोलते रहते थे। उन्होंने मुझे बंदर कहा और मेरे माता-पिता को सलाह दी कि वे मुझे छोड़ दें या अनाथालय में छोड़ दें। लेकिन परिवार ने मेरा पूरा साथ दिया और आज मैं यहां हूं।

 

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