
नई दिल्ली॥ Under 19 वर्ल्डकप के फाइनल में इंडियन क्रिकेट टीम ने बहुत कम स्कोर खड़ा किया था। सिर्फ़ 177 रन बनाकर टीम आउट हो गई थी। बल्ले से ख़राब प्रदर्शन के बावजूद एक खिलाड़ी जिसने भारत की मैच में वापसी कराई, वो थे स्पिनर रवि बिश्नोई। एक वक्त जब ऐसा लग रहा था कि बांग्लादेश की टीम आसानी से मैच जीत जाएगी, रवि बिश्नोई ने न सिर्फ़ मैच में टीम की वापसी कराई, बल्कि एक समय इंडियन क्रिकेट टीम को अपनी जीत भी दिखाई देने लगी।
ये और बात है कि आख़िरकार इंडियन क्रिकेट टीम फ़ाइनल मैच हार गई और पूरे टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी उसे ख़िताबी जीत नहीं मिली। बांग्लादेश की टीम जीत के लिए सिर्फ़ 178 रनों का पीछा कर रही थी। और उसने 50 रन बिना किसी विकेट के बना लिए थे।
लेकिन फिर रवि बिश्नोई की फिरकी गेंदें बांग्ला देशी बल्लेबाज़ों को चकमा देने लगीं। और बांग्लादेश के स्कोर चार विकेट पर 65 रन हो गया। ये चारों विकेट रवि बिश्नोई के खाते में आए। फिर भी इंडियन क्रिकेट टीम मैच हार गई। दक्षिण अफ़्रीका से हज़ारों मिली दूर राजस्थान के जोधपुर में रवि बिश्नोई के घर टीवी पर बड़ी संख्या में लोग मैच देख रहे थे। सभी लोगों को उम्मीद थी कि उनके शहर का ये लड़का कमाल दिखाएगा।
जब रवि बिश्नोई ने अपने पहले स्पेल में ही बांग्लादेशी कैंप में हड़कम्प मचा दिया, तो उनके घर पर हो-हल्ला शुरू हो गया। विकेट गिरने पर निरंतर तालियाँ बज रही थी। ख़ैर मैच का अंजाम इंडिया के पक्ष में नहीं रहा, लेकिन रवि ने अपनी गेंदबाज़ी से क्रिकेट की दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा।
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वो 17 विकेट के साथ इस Under 19 विश्व कप में सबसे अधिक विकेट लेने वाले खिलाड़ी हैं। रवि बिश्नोई की कहानी उलटफेर की पूरी दास्तां हैं। तीन साल की उम्र में रवि ने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। बाद में उन्होंने जोधपुर में एक क्रिकेट अकेडेमी ज्वाइन की। उन्हें कई बार रिजेक्शन झेलना पड़ा और कई बार ऐसा लगा कि उनका करियर उस स्तर पर नहीं पहुँच पाएगा।
2018 में एक बार जब वे राजस्थान रॉयल्स के लिए विश्व के कुछ टॉप बल्लेबाज़ों को नेट प्रैक्टिस करा रहे थे, उनके पिता का फ़ोन आया कि बोर्ड की परीक्षा देने के लिए वापस आओ। सच पूछिए तो इस मौक़े पर लिया फ़ैसला उनके काम आया। उस समय उन्हें बोर्ड की परीक्षा में बैठना था, लेकिन अपने कोच और शुभचिंतकों की राय पर उन्होंने बोर्ड की परीक्षा छोड़ दी और आज तक उन्होंने बोर्ड की परीक्षा नहीं दी है। रवि बिश्नोई 2018 में पहली बार नोटिस किए गए। इसके बाद ही उनके लिए दरवाज़े खुले।
लेकिन कहानी इतनी ही नहीं है। इससे पहले अंडर-16 और फिर Under 19 के ट्रायल में भी वे रिजेक्ट हो गए थे। लेकिन राजस्थान रॉयल्स के लिए नेट्स में बॉलिंग करना उनके लिए बहुत अहम साबित हुआ। उनकी गेंदबाज़ी से बहुत लोग प्रभावित हुए और फिर उनके लिए Under 19 विश्व कप का रास्ता खुला। रवि बिश्नोई की ख़ासियत उनका शांत रवैया है।
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