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Deputy NSA: उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) विक्रम मिस्री, जिन्हें व्यापक रूप से चीन के विशेषज्ञ के रूप में जाना जाता है, उनको भारत का अगला विदेश सचिव नियुक्त किया गया है और वह 15 जुलाई को पदभार ग्रहण करेंगे।

1989 बैच के भारतीय विदेश सेवा अधिकारी मिसरी विनय मोहन क्वात्रा की जगह लेंगे, जिन्हें मार्च में छह महीने का सेवा विस्तार मिला था। क्वात्रा को अमेरिका में भारत का राजदूत नियुक्त किए जाने की संभावना है।

एक आधिकारिक पत्र में कहा गया है कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में उप एनएसए मिसरी के नाम को विदेश सचिव के पद पर मंजूरी दे दी है। उनकी नियुक्ति 15 जुलाई से प्रभावी होगी।

मिसरी की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब भारत पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद के बाद चीन के साथ अपने ठंडे संबंधों सहित अलग अलग विदेश नीति चुनौतियों से निपटने की कोशिश कर रहा है।

विक्रम मिसरी के बारे में जाने

7 नवंबर 1964 को श्रीनगर, कश्मीर में जन्मे मिसरी को तीन प्रधानमंत्रियों - इंद्र कुमार गुजराल, मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी के निजी सचिव के रूप में सेवा करने का दुर्लभ गौरव प्राप्त है।

डिप्टी एनएसए नियुक्त होने से पहले, उन्होंने 2019-2021 तक चीन में भारत के राजदूत के रूप में कार्य किया। माना जाता है कि 59 वर्षीय मिसरी ने जून 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़पों के बाद तनाव बढ़ने के बाद भारत और चीन के बीच वार्ता में अहम भूमिका निभाई थी। गलवान घाटी में भीषण झड़प के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में भारी गिरावट आई, जिसने दशकों में दोनों पक्षों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष को चिह्नित किया।

अपने शानदार करियर में मिसरी स्पेन (2014-2016) और म्यांमार (2016-2018) में भारत के राजदूत के तौर पर भी काम कर चुके हैं। इसके अलावा वे पाकिस्तान, अमेरिका, जर्मनी, बेल्जियम और श्रीलंका समेत कई भारतीय मिशनों में भी काम कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि फ्रांस में भारत के राजदूत जावेद अशरफ को डिप्टी एनएसए नियुक्त किया जा सकता है।

ऐसा माना जा रहा है कि सरकार अमेरिका में भारत के राजदूत और न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में नई दिल्ली के स्थायी प्रतिनिधि की नियुक्ति की प्रक्रिया में है। मामले से परिचित लोगों ने बताया कि क्वात्रा के अमेरिका में अगले राजदूत बनने की उम्मीद है। जनवरी में तरनजीत संधू के सेवानिवृत्त होने के बाद से यह पद खाली पड़ा है। क्वात्रा को मार्च में छह महीने का विस्तार दिया गया था। इस महीने रुचिरा कंबोज के सेवानिवृत्त होने के बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि का पद भी खाली पड़ा है।

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