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धर्म डेस्क. कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को मनाया जाने वाला धनतेरस पर्व सोमवार 5 नवम्बर को मनाया जायेगा। ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि इस वर्ष कन्या राशि और हस्तनक्षत्र का संयोग मिल रहा है। त्रयोदशी तिथि 4 नवम्बर को रात्रि 01:25 से प्रारम्भ होकर 05 नवंबर को रात्रि 11:47 तक रहेगी।

धनतेरस

इस दिन धनाध्यक्ष कुबेर की पूजा होती है व धनवन्तरी जयंती भी होती है इस दिन आयुर्वेद के जन्मदाता भगवान धनवन्तरी का समुद्र मंथन से प्राकट्य हुआ था। इस दिन भगवान् धनवन्तरि की पूजा की जाती है और उनसे आरोग्य की कामना की जाती है एवं इस दिन यमदीप दान किया जाता है।
सायंकाल को आटे या मिट्टी के दीपक में तेल डालकर चार बत्तियां जलाकर मुख्य द्वार पर रखा जाता है। इस दीपदान से असामयिक मृत्यु का भय समाप्त होता है। इस दिन बर्तन, चांदी, सोना, वाहन, प्रापर्टी, इलेक्ट्रानिक सामान , वस्त्र आदि खरीदना शुभ व समृद्विकारक होता है।

खरीदारी मुहूर्त

चौघड़ियानुसार शुभ- प्रातः 9:06 से 10:28 , चर – दिन 01:12 से 02:33, लाभ- दिन 02:33 से 03:55, अमृत- दिन 03:55 से 05:17, चर- 05:17 से 06:55, लाभ- रात्रि 10:12 से 11:50

अभिजीत मुहूर्त- दिन 11:27 से 12:11 प्रदोष काल सांय 05:17 से 07:54 (अतिशुभ) वृषभ लग्र-सांय 05:54 से 07:50 तक (अतिशुभ) है।

पूजा मुहूर्त
प्रदोष काल सांयकाल 05:17 से 07:54, वृषभ काल लग्न 05:54 से 07:50 तक है।