जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव- प्रयागराज में BJP को जीत मिलना मुश्किल, दांव पर लगी उप मुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा

img

प्रयागराज। इन दिनों प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य हलकान नजर आ रहे हैं। दरअसल उन्हें अपने गृह जनपद प्रयागराज में जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुखों के चुनाव की चिंता सत्ता रही है। यहां जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुखों की ज़्यादातर सीटों पर भाजपा और समाजवादी पार्टी में सीधा मुकाबला होने की उम्मीद है।

BJP

प्रयागराज में कमल खिलाने के लिए खुद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कमान संभाल ली है। इसके बावजूद साड़ी संभावनाएं जोड़-तोड़ पर ही टिकी हैं।

बता दें कि प्रयागराज में जिला पंचायत की कुल 84 सीटें हैं और जीत के लिए कम से कम 43 सदस्यों का समर्थन आवश्यक है। फिलहाल जिले में भाजपा को पंद्रह, भाजपा के बागियों को तेरह, समाजवादी पार्टी को पचीस, बीएसपी को चार, कांग्रेस को एक, आम आदमी पार्टी को दो, अपना दल एस को चार और एआईएमआईएम के पास दो सीटें हैं। इसके अलावा अठारह निर्दलीय सदस्य हैं।

पिछले दिनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने निर्दलीय व विपक्षी पार्टियों के 15 जिला पंचायत सदस्यों को भाजपा में शामिल कर अपनी ताकत बढ़ा ली है। इसके बावजूद भाजपा अब भी बहुमत के आंकड़े से काफी दूर है। ऐसे में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर कमल खिलना आसान नहीं होगा।

जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपा की पराजय केशव प्रसाद मौर्य की व्यक्तिगत हार मानी जायेगी और सीएम के पद पर उनका दावा कमजोर पड़ेगा।

जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए सपा ने मालती यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है। माना जा रहा है कि भाजपा निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा सिंह पर एक बार फिर दांव आजमाएगी। मौजूदा हालातों में बीएसपी, कांग्रेस व कोई निर्दलीय उम्मीदवार जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर दावेदारी फिलहाल नहीं करता नजर आ रहा है।

इसी तरह जिले में ब्लाक प्रमुखों की 23 सीटों पर भी कड़ा मुकबला होना तय है। सपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष के साथ ही ब्लाक प्रमुखों की 23 में से इक्कीस सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। भाजपा ने अभी किसी भी पद पर अपने उम्मीदवार के नाम का एलान नहीं किया है। फिलहाल यहां सत्ता की चाभी अपना दल एस और बीएसपी के साथ ही निर्दलीयों के हाथ में रहेगी। ये जिसके भी साथ जाएंगे उसी की जीत होगी।

Related News