सर्दी का मौसम दस्तक दे चुका है, तापमान में लगातार गिरावट हो रही है। जिसके कारण हल्की ठंड भी लगने लगी है। ठंड के इस शुरुआती दौर में मच्छरजनित बीमारी की संभावना भी बढ़ गयी है। संभावना ना केवल बढ़ गई है, बल्कि पिछले करीब डेढ़ महीने से बेगूसराय नगर क्षेत्र में जारी जलजमाव के कारण डेंगू महामारी का रूप ले चुका है।
यहां एक सौ से अधिक लोग डेंगू से पीड़ित होकर इलाज कराने में जुटे हुए हैं। लेकिन इस ओर ना तो नगर निगम प्रशासन का ध्यान है और ना ही स्वास्थ्य विभाग का। ऐसे में खुद सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। इसलिए, ठंड के मौसम में भी मच्छरदानी का नियमित रूप से उपयोग करना होगा, जिससे डेंगू से दूर रह सकेंगे। इसके लिए रहन-सहन में बदलाव के साथ-साथ साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
डॉ. रमण कुमार झा ने बताया कि वर्तमान में डेंगू से बचाव के लिए मच्छरदानी का उपयोग करना सबसे आसान और बेहतर उपाय है। इसके अलावे साफ-सफाई, रहन-सहन में सकारात्मक बदलाव की जरूरत है। साथ ही लक्षण दिखने के साथ ही तुरंत चिकित्सकों से जांच करानी चाहिए और चिकित्सा परामर्श के अनुसार इलाज कराना चाहिए। ताकि परेशानियां नहीं बढ़े और ससमय इलाज शुरू हो सके।
डेंगू से बचाव को लेकर खुद के साथ-साथ घरों एवं आसपास के क्षेत्रों की साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें। जैसे, शौचालय एवं उसके आसपास की जगह, किचन, बेडरूम आदि। क्योंकि यह बीमारी मच्छर काटने से होता और गंदे जगह पर मच्छर पनपते एवं रहते हैं। इससे बचाव के लिए खुद के साथ-साथ दूसरों को भी जागरूक करें। जागरूकता और सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव होगा।
यह मच्छर स्थिर पानी में पनपता है। इसलिए, घर समेत आसपास में जलजमाव नहीं होने दें। जलजमाव होने पर उसे यथाशीघ्र वैकल्पिक व्यवस्था कर हटायें और पानी जमा होने वाले जगहों पर किरासन तेल या कीटनाशक दवाई का छिड़काव करें। साथ ही टूटे-फूटे बर्तन, एसी, कूलर, फ्रीज के पानी निकासी ट्रे, पानी टंकी समेत अन्य जगहों पर पानी का जमाव नहीं होने दें।
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. वीरेश्वर प्रसाद ने बताया कि डेंगू के बुखार में उल्टी, सूजन, चकत्ते (रैशेज) होते हैं। अगर डेंगू ने गंभीर रूप ले लिया हो तो इसमें बार-बार उल्टी आना, सांस तेज चलना, पेट में दर्द रहना, मसूड़ों से खून निकलना, कमजोरी, उल्टी में खून आने के लक्षण मिलते हैं। शुरुआती दौर में इलाज शुरू करने से मरीजों को विशेष परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है। इसलिए, लक्षण दिखते ही इलाज शुरू करें।
डेंगू के बुखार से बचने के लिए गिलोय जूस को कारगर माना गया है। गिलोय जूस मेटाबोलिज्म बेहतर करने के साथ-साथ इम्युनिटी भी मजबूत करता है। मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता डेंगू के बुखार से लड़ने में शरीर की मदद करती है। इससे प्लेटलेट काउंट बढ़ता है और रोगी को बेहतर राहत महसूस होता है। एक गिलास पानी में दो छोटे गिलोय के तनों को उबाल लें और इस पानी को गुनगुना होने पर पी लें। इसका दिन में दो बार से अधिक नहीं सेवन करें।