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पश्चिमी देशों में यूक्रेन विवाद के कारण रूस पर कई कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए। मगर भारत ने अपनी दोस्ती निभाई और रूस के साथ खड़ा रहा। इरान को भी पश्चिमी देशों से प्रतिबंध झेलने पड़े। ऐसे में इन तीनों देशों ने ऐसा रास्ता निकाला है जिससे दुनिया हैरान रह गई है।

बता दें कि रूस और ईरान के बीच एक ऐसा समझौता हुआ है जिसका बहुत बड़ा फायदा भारत को भी मिलने जा रहा है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने इरानी समकक्ष के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस अहम बैठक में शामिल हुए।

वही भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने ईरानी मंत्री अली बाघेरी गनी से इसी हफ्ते बातचीत की थी। हम आपको बता देते हैं कि रूस, इरान और भारत का ये समझौता कैसे जियोपॉलिटिकल और वैश्विक व्यापार को हमेशा के लिए बदल कर रख देगा।

आईएनएसटीसी यानी इंटरनेशनल नॉर्थ साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर। आईएनएसटीसी यानी उत्तर को दक्षिण से जोड़ने वाला मार्ग रूस इरान और भारत के बीच आईएनएसटीसी पर समझौता हो गया है। मुम्बई, रूस और ईरान को एक साथ जोड़ेगा। यह रूट पश्चिमी मुल्कों के प्रभाव से अलग है। इसलिए यहां उनके लगाए प्रतिबंध भी लागू नहीं होंगे। सामान्य मार्ग से यह रूट 30 फीसदी सस्ता और 40 फीसदी छोटा है।

अब इसे एक उदाहरण के जरिए समझिए। सेंट पीटर्सबर्ग से मुम्बई तक सामान ले जाने में अब 10 दिन का समय लगेगा, जबकि पहले इसमें 30 से 45 दिन लगते थे। इन समझौतों के अलावा चाबहार पोर्ट पर भी ईरान और भारत की बातचीत हुई। बता दें कि रूस इस मार्ग के लिए बहुत गंभीर है।

 

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