कोरोना महामारी में लोगों पर एक ऐसा पहाड़ा टूट कर गिरा जिसकी असर आज भी देखा जा सकता है. आपको बता दें कि चार शहरों में 18-50 वर्ष के आयु वर्ग में किए गए एक विशेष अध्ययन से पता चला है कि 44 प्रतिशत शहरी लोगों ने कोविड के समय में नाश्ता नहीं किया है। ये आंकड़े हैरान करने वाले हैं कि ऐसा क्यों हैं.
आपको बता दें कि यह अध्ययन मार्च 2020 और फरवरी 2021 के बीच लंदन स्थित बाजार अनुसंधान प्रमुख यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल और पेप्सिको इंडिया द्वारा अपने ब्रांड क्वेकर के माध्यम से किया गया था। वहीँ एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, अध्ययन में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि 44 प्रतिशत शहरी लोगों ने घर के कामों में वृद्धि और दिन की शुरूआत में देरी के कारण नाश्ता करना छोड़ दिया था और भोजन करने में भी देरी की।
बता दें कि इसके अलावा, 64 प्रतिशत शहरी मिलेनियल्स उत्तरदाताओं को एक स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली की ओर प्रेरित किया गया था. वहीँ अध्ययन में आगे बताया गया है कि जई सहित फलों, सब्जियों और साबुत अनाज की बढ़ती खपत महामारी के दौरान प्रमुख प्रवृत्ति के रूप में उभरी।दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर और कोलकाता में शहरी मिलेनियल्स पर ध्यान केंद्रित करते हुए, कोविड-19 के बाद शहरी भारतीय उपभोक्ताओं की बदलती जीवनशैली और आहार संबंधी आदतों को लेकर अध्ययन में 18-50 वर्ष के आयु वर्ग के 1,000 उत्तरदाताओं को शामिल किया गया था।