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राजस्थान इलेक्शन को लेकर 18 अक्टूबर को सीईसी की मीटिंग हुई। पहली लिस्ट जारी होने की उम्मीद जताई जा रही थी, किंतु, यह इंतजार अब लंबा हो गया है। वहीं अब सीएम गहलोत के करीबी 3 नेताओं पर संकट आ गया है। टिकट के लिए दावेदारी जता रहे नेताओं को अब 25 सितंबर का घटनाक्रम याद दिलाया जा रहा है।

बताया ये भी जा रहा है कि पार्टी हाईकमान के विरूद्ध बगावत करने वाले गहलोत के इन वफादारों को अपना टिकट खोना पड़ सकता है। क्योंकि केंद्रीय चुनाव समिति ने दो मंत्रियों सहित 3 मौजूदा विधायकों की उम्मीदवारी पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है, जबकि सीएम ने इस पर चुप्पी साधी हुई है।

उन्होंने वर्तमान विधायकों को बनाए रखने पर जोर दिया क्योंकि उन्होंने पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की थी। कोटा में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी को मिली भ्रष्टाचार की नकारात्मक प्रतिक्रिया को देखते हुए बड़े नेता शांति धारीवाल का नाम रोक दिया गया था, जबकि धारीवाल के साथ बगावत का नेतृत्व करने वाले महेश जोशी का नाम भी सर्वे लिस्ट में नहीं है।

मंत्री महेश जोशी बीते कई दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। साथ ही राजस्थान पर्यटन विभाग के निगम अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ की उम्मीदवारी पर भी तलवार लटकी है। क्योंकि अनुशासनहीनता के चलते पार्टी ने जिन 3 लीडरों को नोटिस भेजा था, उसमें राठौड़ भी शामिल थे।

अनुमान है कि दौसा में प्रियंका गांधी वाड्रा की रैली के बाद घोषणा की जाएगी। इसके अलावा ये भी कहा जा रहा है कि धीरज गुर्जर का टिकट पार्टी सर्वे में रिपोर्ट अच्छी नहीं होने के चलते काटा जा सकता है। जहाजपुर निर्वाचन क्षेत्र पर चर्चा होने के दौरान पार्टी चीफ खरगे ने कहा कि इसे लंबित सूची में रखा जाना चाहिए। जिस पर बाद की तारीख में निर्णय लिया जाएगा।

 

 

 

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