छत्तीसगढ़ में जबसे भाजपा ने विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की है, उसके बाद से सूबे की राजनीति में हलचल और बढ़ गई है। वहीं अब उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट को लेकर भी अटकलें लगाई जाने लगी हैं। अमित शाह के हालिया दौरे के दौरान दूसरे उम्मीदवारों पर गहन चर्चा करने की बात उठ रही है।
ऐसे में बीजेपी अपने नए लिस्ट में कितने उम्मीदवारों की घोषणा करने वाली है और किन किन नए चेहरों को मौका दिया जाएगा, इस रिपोर्ट में बात करेंगे। बता दें कि अमित शाह का 70 दिनों में छत्तीसगढ़ का चौथा दौरा है। जहां पर वह भाजपा कार्यकर्ताओं से बैठक कर एक बार फिर आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी तैयारी पुख्ता करने वाले हैं। सूत्रों की मानें तो इस बैठक में आखरी हाईलेवल की चर्चा होनी है। उसके बाद दिल्ली लौटकर सीईसी बैठक में हिस्सा लेगा और उसके बाद एक या दो दिनों के अंदर ही दूसरी लिस्ट जारी हो सकती है। जानकारों की माने तो 30 उम्मीदवारों की घोषणा की जा सकती है।
राज्य के भाजपा प्रभारी ओम माथुर ने दो दिन पहले रायपुर में अहम बैठक में कई नामों पर मुहर लग चुकी है। बताया जा रहा है कि ऐसे कुल 55 नाम हैं जिनपर गहन चर्चा हुई जिसमें से 21 की घोषणा पहले की जा चुकी है। जबकि बचे हुए नामों की घोषणा सितंबर की शुरुआत में कर दी जाएगी। सूत्रों के मुताबिक आने वाले नामों में कुछ ऐसे हैं जिनका टिकट मिलना लगभग तय माना जा रहा है।
माना यह भी जा रहा है कि जिन जिन हाई प्रोफाइल लोगों की एंट्री हुई है उनको टिकट ज़रूर मिलेगा। इन नामों में एक नाम है आईएस नीलकंठ टेकाम का। माना जा रहा है कि पार्टी उन्हें केशकाल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा सकती है। सतनामी धर्म गुरू बालदास के बड़े बेटे खुशवंत का नाम शामिल है।
बात करे रायपुर संभाग की तो उतर विधानसभा सीट की तो यहां पार्टी इस बार किसी सिंधी समाज को टिकट देने का मन बना रही है। पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी का नाम लिस्ट में ऊपर है और भाजपा के छत्तीसगढ़ के मीडिया प्रभारी अमित कटारिया भी इसमें शामिल हैं। दक्षिण की बात करें तो बृजमोहन अग्रवाल के खिलाफ किसी ने अपनी दावेदारी पेश नहीं की है। बृजमोहन अग्रवाल भाजपा के दूसरे नंबर के सबसे बड़े नेता है और दक्षिण में पार्टी के पास कोई और विकल्प नजर नहीं आ रहा।
यपुर पश्चिम की बात करें तो आशीष चंद्रवंशी का नाम आगे चल रहा है, धमतरी जिला की कुरुद विधानसभा सीट जहां पर अजय चंद्राकर की काफी अच्छी पकड़ है और जो पार्टी के धाकड़ नेता भी माने जाते हैं, उन्हें यहां से टिकट मिलने पर संदेह जताया जा रहा है।
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