12 नवंबर यानी दिवाली के दिन उत्तराखंड में एक खौफनाक एक्सीडेंट हुआ। उत्तरकाशी, यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणधीन टनल का एक हिस्सा धंस गया। 40 मजदूर टनल के भीतर फंस गए। तब से ये मजदूर हर दिन, हर घंटे जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। बीते छय दिन से सुरंग में फंसे लोगों के लिए बिना रुके, बिना थके निरंतर रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। विदेश से मशीनें मंगाई गई, फिर भी अब तक मजदूरों को बाहर नहीं निकाला जा सका।
बताया जा रहा है कि टनल में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने में अभी वक्त लग सकता है। वहीं जैसे जैसे दिन बीत रहे हैं, टनल के अंदर फंसे मजदूरों के लिए खतरा और ज्यादा बढ़ता जा रहा है। आइए जानते हैं कि मजदूरों के लिए टनल के अंदर कौन सी समस्याएं खड़ी हो सकती है।
जानकारी के अनुसार, यदि जल्द रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा नहीं होता है तो इन मजदूरों की जिंदगी खतरे में आ जाएगी। निरंतर ऑक्सीजन की कमी से बेहोश होना, खाने की कमी से हालत बिगड़ने, लाइट और ठंड की वजह से हाइपोथर्मिया इस प्रकार की समस्याएँ शुरू हो जाएंगी। धीरे धीरे जैसे वक्त निकलता जा रहा है, वैसे वैसे मजदूरों के लिए मुश्किलें और ज्यादा बड़ी होती जा रही। सूत्रों की माने तो इन मजदूरों के पास अंदर एक जनरेटर था जिसकी मदद से यह लोग अंदर रोशनी में रह रहे थे। लेकिन धीरे धीरे उसका इंधन भी खत्म होता जा रहा है।
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