img

नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने पिछले गुरुवार को चुनावी बांड के जरिए राजनीतिक दलों को चंदा देने वालों के नामों को सार्वजनिक कर दिया है। इन आंकड़ों से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। बीजेपी ने 60 अरब से ज्यादा का इलेक्टोरल बॉन्ड भुनाया है। राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने इसे लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और बीजेपी को कठघरे में खड़ा किया है। सिब्बल ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड के आंकड़े सामने आने के बाद क्या अब आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे ?

गौरतलब यही कि फरवरी 2012 में एक अवसर पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि सिर्फ भ्रष्ट लोकसेवकों पर सख़्त कार्रवाई करके राजनीतिक व्यवस्था से भ्रष्टाचार को दूर नहीं किया जा सकता है। देश में सुशासन लाने के लिए चुनाव सुधार करने और सिस्टम को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने जैसे उपाय भी करने चाहिए।

अब कपिल सिब्बल आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के इसी बयान को आधार बनाकर उनपर और बीजेपी पर हमला कर रहे हैं। रविवार को सिब्बल ने कहा कि आपने अभी देखा कि यह सिस्टम कितना पारदर्शी है और उन्होंने (बीजेपी) इलेक्टोरल बॉन्ड के ज़रिए कैसे लाभ कमाया।  मैं मोहन भागवत से पूछना चाहता हूं कि क्या वे इसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाएंगे?

बताते चले कि गत 14 मार्च को इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़े आंकड़ों के सामने आने के बाद विपक्षी दल केंद्र की बीजेपी सरकार पर हमलावर हैं। विपक्षी दल, जारी किए गए आंकड़ों के ज़रिए दावा कर रहे हैं कि उससे बीजेपी को काफ़ी फ़ायदा हुआ है। MALOOM हो कि इससे पहले 14 फ़रवरी को सर्वोच्च अदालत ने इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक क़रार दे दिया था।  

--Advertisement--