Up kiran,Digital Desk : आज का सूरज डूबा तो अपने साथ बॉलीवुड की उस रोशनी को भी ले गया, जिसने छह दशकों तक सिनेमा के आसमान पर राज किया। हमारे प्यारे धरम पाजी, यानी दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र अब हमारे बीच नहीं रहे। खबर सुनकर ऐसा लगा जैसे दिल बैठ सा गया हो। 24 नवंबर की दोपहर मुंबई में जो खबर आई, उसने हर सिनेमा प्रेमी को अंदर तक झकझोर कर रख दिया है।
सबसे ज्यादा दुखद बात यह है कि बस कुछ ही दिनों बाद उनका 90वां जन्मदिन आने वाला था। हम सब उस जश्न का इंतजार कर रहे थे, लेकिन कुदरत को शायद कुछ और ही मंजूर था।
घर लौटने की खुशी गम में बदली
नवंबर की शुरुआत में जब उन्हें ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, तो हर कोई उनकी सलामती की दुआ मांग रहा था। उन्हें डिस्चार्ज भी कर दिया गया था और परिवार ने कहा था कि वो ठीक हो रहे हैं। हमें लगा हमारा 'ही-मैन' फिर से जीत गया। लेकिन, आज दोपहर उनके घर से एम्बुलेंस को निकलते देख सबकी उम्मीदें टूट गईं। वो घर तो लौटे थे, लेकिन हमेशा के लिए विदा लेने के लिए।
पीएम मोदी और करण जौहर का छलका दर्द
धर्मेंद्र सिर्फ एक एक्टर नहीं, एक एहसास थे। उनके जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपना दुख जाहिर किया है। पीएम मोदी ने बेहद भावुक होकर कहा कि धर्मेंद्र जी के जाने से सिनेमा के एक युग का अंत हो गया है। वो जितने बड़े स्टार थे, उतनी ही सादगी उनमें कूट-कूट कर भरी थी।
वहीं, करण जौहर, जिन्होंने हाल ही में 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' में धर्मेंद्र जी के साथ काम किया था, उनका पोस्ट पढ़कर किसी की भी आंखों में आंसू आ जाएं। करण ने लिखा, "अभी ना जाओ छोड़कर... के दिल अभी भरा नहीं।" उन्होंने धरम जी को 'विशाल मेगा स्टार' बताते हुए कहा कि उनके जैसा इंसान और उनकी वो गर्मजोशी अब कभी महसूस नहीं होगी। स्वर्ग आज वाकई धन्य हो गया है।
वो अधूरी फिल्म और सुनहरी यादें
बॉलीवुड का 'ही-मैन', जिसने कभी 'फूल और पत्थर' में शर्ट उतारकर जमाना बदल दिया, तो कभी 'शोले' का वीरू बन हमें हंसाया और रुलाया। 'सत्यकाम' की संजीदगी हो या 'यमला पगला दीवाना' की मस्ती, धरम पाजी हर रूप में ढल जाते थे। 300 से ज्यादा फिल्मों की विरासत छोड़कर वे चले गए।
विडंबना देखिए, उनकी आखिरी फिल्म 'इक्कीस' 25 दिसंबर 2025 को रिलीज होनी है, जिसमें वे अमिताभ बच्चन के पोते अगस्त्य नंदा के साथ नजर आएंगे। अफसोस, अपनी इस आखिरी अदाकारी को देखने के लिए वो खुद मौजूद नहीं होंगे।
उनके चाहने वाले सिर्फ पुरुष ही नहीं, महिलाएं भी थीं, और वो पीढ़ी भी है जिसने उन्हें दादाजी के रोल में प्यार दिया। आज हिंदी सिनेमा में एक ऐसा खालीपन आ गया है जिसे कोई दूसरा 'वीरू' शायद कभी नहीं भर पाएगा।
अलविदा धरम पाजी! आप बहुत याद आएंगे। ॐ शांति।
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