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भारतीय टीम के बल्लेबाज यशस्वी जयसवाल के पिता कावड़ यात्रा पर निकले। उन्होंने भगवान शिव से प्रार्थना की कि उनका बेटा दोहरा शतक मारे। हालांकि उनकी यह प्रार्थना पूरी नहीं हुई, मगर यशस्वी ने अपने डेब्यू मैच में शतक जड़ने के साथ कई रिकॉर्ड बना डाले। हर माता पिता की ख्वाहिश होती है कि बच्चा उनका नाम रौशन करे।

टीम इंडिया के युवा बैट्समैन यशस्वी जयसवाल ने वेस्टइंडीज जाकर अपने पहले ही इंटरनैशनल मैच में शतक ठोक दिया। अब सबकी नजर इस पर थी कि क्या वह अपने पहले टेस्ट में दोहरा शतक लगा पाएंगे या नहीं, क्योंकि अब तक कोई भारतीय बल्लेबाज ऐसा नहीं कर सका है। 

हालांकि 21 साल के यशस्वी भी ऐसा नहीं कर सके, मगर 387 बॉलों पर 171 रन बनाकर उन्होंने कई रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए। उन्हें अल्जारी जोसेफ ने विकेटकीपर जोशुआ डिसिल्वा के हाथों कैच करवाया। यशस्वी जयसवाल के शतक की सहायता से भारत ने इस मैच को एक पारी और 141 रनों के अंतर से जीत लिया।

यशस्वी का जन्म उत्तर प्रदेश के भदोही में हुआ था लेकिन वह मुंबई के लिए खेलते हैं। उनके माता पिता भदोही में ही रहते हैं। यशस्वी जब मैच खेल रहे थे और एक शतक बना चुके थे तभी उनके पिता भूपेंद्र जयसवाल कावर लेकर बैजनाथ धाम के लिए निकल पड़े। उनका कहना था कि हमें बहुत खुशी हुई है। मैं हर वर्ष कावड़ लेकर जाता हूं। भगवान भोलेनाथ से मेरी यही प्रार्थना है कि बेटे का दोहरा शतक हो। 

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