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बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार 23 जून को होने वाली विपक्षी दलों की महागठबंधन बैठक को लेकर हलचल तेज हो गई है। विपक्षी नेताओं का पटना में  जुटना शुरू हो गया है। ‌ 

विपक्षी बैठक के लिए कई नेता आज देर शाम तक पटना पहुंच जाएंगे। पटना में आयोजित विपक्ष की अहम बैठक में 20 से अधिक विपक्षी दलों के शामिल होने की संभावना है। बैठक का लक्ष्य अगले साल होने वाले आम चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा को कैसे हराना है। 

भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता की बैठक शुक्रवार सुबह 11 से 4 तक को पटना में मुख्यमंत्री आवास में होगी। बैठक की अध्यक्षता बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे। साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों की यह महत्वपूर्ण बैठक मानी जा रही है। कल होने वाली विपक्षी दलों की महाबैठक में भाजपा के खिलाफ कोई मुख्य एजेंडा तय हो सकता है। इसके साथ भाजपा हराओ का प्रस्ताव पारित हो सकता है। इस बैठक में नीतीश कुमार के साथ एमके स्टालिन, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल समेत 6 राज्यों के मुख्यमंत्री और 6 पूर्व मुख्यमंत्री शामिल होंगे। 

कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पटना पहुंच गईं हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी पहुंच गईं हैं। ममता बनर्जी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मुलाकात करेंगी। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, भाकपा महासचिव डी राजा तथा भाकपा माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य भी आएंगे। इस बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी भी शामिल होंगे। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, एनसीपी के अध्यक्ष के मुखिया शरद पवार, सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल, नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रधान फारूक अब्दुल्ला, उद्धव ठाकरे, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी आदि 23 जून को आएंगे।

 जदयू व राजद के नेता मेजबान की भूमिका में होंगे। वहीं दूसरी ओर दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने विपक्षी दलों की बैठक से पहले साफ संदेश दिया है कि मीटिंग में सबसे पहले केंद्र के अध्यादेश पर चर्चा होनी चाहिए। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली का अध्यादेश एक प्रयोग है, यह सफल हुआ तो केंद्र सरकार गैर भाजपा राज्यों के लिए ऐसे ही अध्यादेश लाकर राज्य सरकारों का अधिकार छीन लेगी। 

वहीं राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख जयंत चौधरी पटना में होने वाली विपक्ष की बैठक में शामिल नहीं होंगे। इसके लिए उन्होंने बैठक के मेजबान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र भी लिखा है। जयंत चौधरी ने पारिवारिक समारोह का हवाला देते हुए कहा कि वह पटना में होने वाली विपक्ष की बैठक में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने नीतीश कुमार को लिखे पत्र में कहा कि वह एक पारिवारिक समारोह के कारण पटना में बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे।

विपक्षी दलों की कल होने वाली बैठक को लेकर भाजपा ने बोला हमला

शुक्रवार को होने वाली विपक्षी दलों की बैठक को लेकर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने हमला बोला है। ‌ब्रजेश पाठक ने कहा कि यह जमावड़ा पूरी तरह से फ्लॉप शो साबित होगा। लगातार सत्ता के लिए ये लोग कवायद करते रहते हैं। बीजेपी देश के लिए काम कर रही है। ये लोग (विपक्ष) कुर्सी के लिए काम रहे हैं। ये औंधे मुंह गिरेंगे। 

वहीं दूसरी ओर पटना में इस बैठक को लेकर पोस्टर वार जारी है। पटना स्थित भाजपा दफ्तर के आगे पोस्टर लगा है। विपक्षी दलों की मीटिंग को 'ठग ऑफ इंडिया' का महासम्मेलन बताया गया है। कहा गया है कि नीतीश खुद को जेपी का शिष्य बताते थे वो आज उस कांग्रेस की गोद में हैं जिसने जेपी को गिरफ्तार कराया था। नीतीश को न समाजवाद प्यारा है न विचारधारा प्यारी, इनको सिर्फ कुर्सी प्यारी है। नीतीश कहते थे मिट्टी में मिल जाएंगे लालू के साथ नहीं जाएंगे। 

आज लालू की गोद में हैं। बता दें कि यह पहली बार होगा कि राहुल गांधी, अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी, शरद पवार, एमके स्टालिन, फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, उद्धव ठाकरे, नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, सीताराम येचुरी, डी राजा 'हम साथ साथ हैं' के संदेश के साथ एक ही फ्रेम में नजर आएंगे। इस तरह की बड़ी विपक्षी एकता 2018 में कर्नाटक के सीएम के रूप में एचडी कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान देखी गई थी। यह एकता कब तक बनी रहेगी, इसे देखना दिलचस्प रहेगा।

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