img

Up Kiran, Digital Desk: बिहार चुनाव के नतीजों के बाद, सोशल मीडिया पर एक बड़ी ख़बर तेज़ी से फैली कि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और पूर्व मंत्री, तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav), तबीयत ख़राब होने की वजह से अस्पताल में भर्ती हो गए हैं. इस ख़बर ने न सिर्फ़ बिहार, बल्कि पूरे देश में उनके समर्थकों और शुभचिंतकों को परेशान कर दिया था. लेकिन, हमारी जाँच में सामने आया है कि यह ख़बर पूरी तरह ग़लत (fake news) है और अफ़वाह के सिवा कुछ नहीं!

क्या थी वायरल ख़बर और उसका आधार?

दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में महागठबंधन को उतनी सफलता नहीं मिली, जितनी की उम्मीद की जा रही थी. चुनाव के ठीक बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कुछ तस्वीरें और मैसेज वायरल होने लगे जिनमें दावा किया गया था कि हार के सदमे या अत्यधिक तनाव के चलते तेज प्रताप यादव को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है. कुछ लोग उनके 'मीडियोकर प्रदर्शन' (उनके प्रदर्शन) को भी उनकी कथित बीमारी का कारण बता रहे थे. ऐसी अफ़वाहों से राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का बाजार गर्म हो गया था.

क्या है सच्चाई? हमारी पड़ताल ने क्या बताया!

हमने इस मामले की पूरी जाँच की और पाया कि तेज प्रताप यादव के अस्पताल में भर्ती होने की ख़बर सरासर झूठी है. चुनाव नतीजों के बाद ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी, और उनकी सेहत बिलकुल ठीक है. उन्होंने खुद या उनके परिवार के किसी सदस्य ने भी इस तरह की ख़बरों की कोई पुष्टि नहीं की. उनके करीबी सूत्रों और मीडिया रिपोर्टों ने भी इस बात से इनकार किया है कि उन्हें किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या हुई है. चुनाव नतीजों के बाद भी उन्हें विभिन्न सार्वजनिक आयोजनों और सोशल मीडिया पर सक्रिय देखा गया था, जहाँ उनकी तबीयत बिलकुल सामान्य लग रही थी.

यह स्पष्ट रूप से भ्रामक सूचना और अफ़वाह फ़ैलाने की कोशिश थी, जिसका उद्देश्य शायद राजनीतिक अस्थिरता पैदा करना या गलत जानकारी देना था.

ऐसी अफ़वाहों से सावधान रहें!

सोशल मीडिया के इस दौर में झूठी ख़बरें बहुत तेज़ी से फैलती हैं. हमारी सभी पाठकों से अपील है कि वे किसी भी जानकारी पर भरोसा करने से पहले उसकी सत्यता ज़रूर जांच लें. किसी भी बड़े नेता या सेलिब्रिटी की सेहत से जुड़ी ख़बरों को आधिकारिक सूत्रों या विश्वसनीय मीडिया आउटलेट्स से ही कन्फर्म करें.

तो अगली बार जब आपको ऐसी कोई भी वायरल ख़बर दिखे, तो बिना पुष्टि किए उसे आगे बढ़ाने से बचें. हमारी पड़ताल में यह ख़बर पूरी तरह से निराधार पाई गई है!