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liquor racket: चूरू का खंडवा पट्टा गाँव अब सिर्फ खेती के लिए नहीं बल्कि नकली शराब के धंधे के लिए चर्चा में है। एक खेत के कोने में बना कमरा बाहर से साधारण लगता था, मगर अंदर छिपा था 110 कार्टन नकली शराब का जखीरा।

पुलिस को शक है कि यह गैंग सालों से देसी ‘रॉबिनहुड स्टाइल’ में काम कर रहा था। शराब को डीडवाना से एमआरपी के आधे दाम पर खरीदा जाता था और फिर दोगुने दाम पर श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ के सीमावर्ती इलाकों में सप्लाई किया जाता था।

मुखबिर की सूचना पर भालेरी पुलिस ने छापा मारा। जैसे ही टीम खेत के उस कमरे में पहुँची, नजारा देखकर सब हैरान रह गए। 2.5 लाख रुपये की शराब बड़े शातिराना ढंग से छिपाई गई थी।

पुलिस ने धन्नाराम प्रजापत को मौके से दबोच लिया, मगर तेजपाल पुलिस को चकमा देकर भाग निकला। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ये शराब जहरीली भी हो सकती है। हमने सैंपल को फोरेंसिक लैब (FSL) भेजा है, ताकि इसकी जाँच हो सके।

ये धंधा सिर्फ मुनाफे का खेल नहीं था बल्कि लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ था। स्थानीय निवासी प्यारे पांडे ने कहा कि हमारे गाँव में ऐसा हो रहा था, हमें पता ही नहीं था। ये शराब पीने वालों की जान ले सकती थी। पुलिस को शक है कि ये गैंग चूरू के दूसरे इलाकों में भी एक्टिव था। तेजपाल की तलाश के लिए टीमें बनाई गई हैं और ये पता लगाया जा रहा है कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है।