लालढांग एमपैक्स कलस्टर (Laldhang Mpax Cluster) में गेंदा फूलों की समुहिक खेती की शुरुआत मार्च 2022 में की गईं थी। प्रथम चरण में अप्रैल 2022 में उद्यान विभाग द्वारा तकनीकी सहायता और गेंदे के दो लाख पौधे ग्रामीणों को नि:शुल्क एमआईडीएस योजना के तहत उपलब्ध कराए गए। गेंदे की कलकत्ता वैराइटी-अफ्रीकन मेरी गोल्ड एवं जाफरी मेरी गोल्ड प्रजाति का गेंदा बेहतरीन माना जाता है इसकी लालढांग में खेती हो रही है।
सहकारिता मंत्री डॉ० धन सिंह रावत कहते हैं कि गेंदे के फूल की हरिद्वार मंडी में बहुत डिमांड है। यहाँ का गेंदा का निर्यात नई दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़ सहित अन्य महानगरों में होता है। अब कांवड़ यात्रा शुरू हो गई है। हरिद्वार में ही फूलों की कमी पड़ रही है। लालढांग क्षेत्र को इसलिए चुना गया कि फूलों की मंडी नज़दीक होने के कारण किसानों को फायदा मिल सकें। डॉo रावत मानते हैं गेंदे के फूल से किसानों की आमदनी दोगुनी हो रही है। हम प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के सपने साकार करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। (Laldhang Mpax Cluster)
हरेला पर्व के दिन खुद सहकारिता विभाग के सचिव डॉ० वीबीआरसी पुरुषोत्तम ने अपनी टीम के साथ गेंदे के पौधे लालढांग (Laldhang Mpax Cluster) में रोपे। डॉ० पुरुषोत्तम ने बताया कि गेंदे की फूलों की खेती अभी 20 एकड़ में हो रही है। इसे बढ़ाकर व्याजमुक्त ऋण योजना पंडित दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान भविष्य में अतिरिक्त 100 एकड़ में फसल का विस्तार किया जाएगा। सचिव ने कहा कि हरिद्वार में गेंदे की फूलों की खेती की असीम संभावनायें हैं। सहकारिता परियोजना इस पर काम कर रही है। हर सप्ताह में गेंदे की समीक्षा मीटिंग की जा रही है।
परियोजना के नोडल अधिकारी कहते हैं कि गेंदा फूलों की कोलकाता प्रजाति के उत्पादन हेतु प्रति एकड़ वार्षिक निवेश रूपये 46,150.00 आँका गया है। जबकि फूलों का प्रतिवार्षिक उत्पादन 1500 किलो० होने की संभावना है। गेंदा फूलों के विपणन से प्रति बीघा वार्षिक आय रूपये 90,000 होने की आशा है। गेंदा फूलों के विपणन से प्रति बीघा वार्षिक शुद्ध लाभ रूपये 43,850.00 होने की संभावना है। (Laldhang Mpax Cluster)
परियोजना लालढांग (Laldhang Mpax Cluster) के किसानों के लिए कोलकत्ता से गेंदे के पौध मंगा रहा है। अब तक 50 हज़ार पौध आ चुकी है। किसानों को पौध नि:शुल्क दी जा रही है। मार्च में जो गेंदे का पौधा रोपा किया गया था उसके अच्छे परिणाम किसानों को मिले हैं। उनके गेंदे के फूल हाथों-हाथ विक्रय हुए हैं।
गेंदे के फूलों के किसानी कर रहे कांगडी गाँव के किसान राम प्रकाश शर्मा बताते हैं कि वह पहले भी फूलों की करते थे लेकिन अब सरकार द्वारा उन्हें नि:शुल्क गेंदे के पौधे मिले। अब वह 9 एकड़ में गेंदे की खेती कर रहे हैं। उनके फूल एमपैक्स (Laldhang Mpax Cluster) के जरिए उचित मूल्य पर बिक रहे हैं। हमारे लिए यह योजना खुशियाँ लेकर आई है।
श्यामपुर गांव के किसान जी राम एक एकड़ में गेंदे की खेती कर रहे हैं। वह कहते हैं कि सहकारिता विभाग के सिस्टम (Laldhang Mpax Cluster) से वह खुश हैं उन्हें गेंदे पौध नि:शुल्क मिले। उन्हें आमदनी दोगुनी होने की उम्मीद है।
एडीसीओ बहादराबाद ब्लॉक अमित कुमार कहते हैं कि गेंदे की खेती में कोई बीमारी न लगे इसके लिए विशेषज्ञों को समय-समय पर बुलाकर इन पौधों का परीक्षण कराया जाता है। वैज्ञानिक ढंग से पुष्पों की फसल की सिंचाई की जाती है। पुष्प तोड़ने तक विभाग सहयोग करता है। (Laldhang Mpax Cluster)
उप निदेशक (परियोजना) मोनिका चुनेरा ने मार्च माह में लालढांग में गेंदे की फूलों (Laldhang Mpax Cluster) की खेती के लिए ग्रामीणों को प्रेरित करने का काम किया। चार-पांच दौरों में ही वह ग्रामीणों को समझाने में कामयाब रही। किस तरह सरकारी योजना का लाभ लिया जा सकता है इसके संबंध चुनेरा बताती हैं कि कलेक्शन सेंटर श्यामपुर में खोला गया है। औसतन गेंदा 80 रुपये किलो बिक रहा है।जो कोलकाता वेरायटीज का पौधा इन दिनों रोपा जा है वह दीपावली के आस-पास गेंदा का फूल देगा, उसकी कीमत 120 रुपये किलो हो जायेगी। वह कहती हैं। कोलकाता गेंदे की डिमांड ज्यादा रहती है। उन्होंने कहा कि गेंदे की खेती से किसान भी फायदे में रहेंगे और एमपैक्स भी।
पुष्प बहुत ही शुभ और पवित्र माने जाते हैं। ज्योतिष के जानकारों की मानें तो सुंदरता और सुगंध से भरपूर पुष्पों के इस्तेमाल से आपकी हर मनोकामना पूर्ण हो सकती है। जिस घर में पुष्प होते हैं, वहां नकारात्मक ऊर्जा इर्द-गिर्द भी नहीं भटक सकती है। (Laldhang Mpax Cluster)
फूलों के प्रयोग से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, इसका प्रमाण घर के आस-पास सदियों से चली आ रही फुलवारी की परंपरा से मिलता होता है। पूजा-पाठ व धार्मिक मान्यताओं में पुष्प का प्रयोग उपासना के लिए किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इससे ईश्वर की कृपा की प्राप्ति होती है। धार्मिक अनुष्ठान आदि में पुष्प इंसान की श्रद्धा और भावना का प्रतीक माना जाता है। इसके साथ ही पुष्प इंसान की मानसिक स्थितियों के बारे में भी बताते हैं। पुष्पों के अलग-अलग रंग और उनकी सुगंध अलग तरह के प्रभाव का एहसास दिलाते हैं। पूजा में वास्तविक पुष्प भी अर्पित कर सकते हैं और मानसिक भी। पूजन और जीवन में हरएक पुष्प का अपना एक अलग महत्व है। (Laldhang Mpax Cluster)
गेंदे के फूल का उपयोग एवं संबंध
गेंदे के फूल का महत्व और प्रयोग विधि फूलों में सबसे ज्यादा गेंदे के फूल का इस्तेमाल होता है. यह कई प्रकार का होता है, लेकिन पीले गेंदे का फूल सबसे ज्यादा उपयोगी और महत्वपूर्ण होता है। गेंदा वास्तव में एक फूल नहीं बल्कि छोटे-छोटे फूलों का एक गुच्छा है। गेंदे के फूल का सम्बन्ध बृहस्पति से होता है। गेंदे के फूल के प्रयोग से ज्ञान और विद्या की प्राप्ति होती है। गेंदे के फूल के प्रयोग से आकर्षण क्षमता बढ़ जाती है। मान्यता है कि भगवान विष्णु को नियमित रूप से पीले गेंदे के फूल की माला चढ़ाने से समस्याओं से मुक्ति मिलती है। (Laldhang Mpax Cluster)
गेंदा पुष्प औषधीय में प्रयोग में लाया जाता है। त्वचा और बालों की खूबसूरती बढ़ाने के साथ यह फूल स्वास्थ्य के लिए भी बेहद लाभकारी होता है। गेंदा फूल बहुत ही आसानी से बढ़ते हैं, मज़बूती से फूलते हैं और कीटों को दूर रखते हैं। सिर दर्द, सूजन, दांत दर्द, घाव और कई त्वचा की समस्याओं जैसे औषधीय प्रयोजनों के लिए भी गेंदे के फूल का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा उन्हें खाना पकाने में भी इस्तेमाल किया जाता है। (Laldhang Mpax Cluster)
मैरी गोल्ड का उपयोग जलन, घाव और चकत्ते जैसी त्वचा की समस्याओं का इलाज करने के लिए किया गया है। जब त्वचा पर लगाया जाता है, तो यह सूजन, लालिमा, संवेदनशीलता, सूखापन और सूजन को कम करता है। इसकी पंखुड़ियों का लेप प्रभावित स्थान पर करने से घाव और जलन आदि की समस्याओं में आराम मिलता है। गेंदे के फूलों से बने मरहम का उपयोग घावों, सूखी त्वचा और फफोले के अलावा, सनबर्न और मुँहासे ठीक करने के लिए किया जा सकता है। (Laldhang Mpax Cluster)
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