img

Up Kiran, Digital Desk: गुजरात के राजकोट जिले से जो खबर आई है उसने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। एक छह साल की मासूम बच्ची के साथ इतनी बर्बरता कि सुनकर रोंगटे खड़े हो जाएं। तीस साल का एक शख्स उसे उठा ले गया और न सिर्फ बलात्कार किया बल्कि उसके नाजुक अंग में लोहे की रॉड तक घुसेड़ दी। आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है जबकि बच्ची जिंदगी और मौत से जूझ रही है।

मां-बाप खेत में गए और हैवान ने मौका देख लिया

घटना 4 दिसंबर की सुबह की है। बच्ची का परिवार मूल रूप से मध्य प्रदेश का रहने वाला है और खेतों में मजदूरी करता है। उस दिन माता-पिता काम पर चले गए थे। घर पर अकेली बच्ची को देखकर पड़ोस में ही रह ने वाला राम सिंह उसे बहला-फुसलाकर या जबरदस्ती उठा ले गया। सुनसान जगह पर ले जाकर उसने मुंह दबाया और अपनी हवस निकाली। जब मन नहीं भरा तो पास पड़ी करीब एक फीट लंबी लोहे की रॉड बच्ची के प्राइवेट पार्ट में डाल दी। बच्ची लहूलुहान हो गई।

शाम को जब माता-पिता लौटे तो बच्ची घर पर नहीं थी। दोनों उसे ढूंढने निकले और खेत के पास पानी की टंकी के नजदीक उसे बेहोश और खून से लथपथ पाया। आनन-फानन में नजदीकी अस्पताल ले गए। हालत गंभीर देखते ही डॉक्टरों ने राजकोट सिविल हॉस्पिटल रेफर कर दिया। वहां बच्ची अभी भी खतरे से बाहर नहीं है।

दस टीमों ने दिन-रात एक कर दिया, 140 संदिग्धों से पूछताछ

मामला सामने आते ही राजकोट रुरल पुलिस हरकत में आ गई। एसपी विजय सिंह गुर्जर ने खुद मोर्चा संभाला। दस अलग-अलग टीमें बनाई गईं। गांव के सारे सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। मोबाइल टावर डंप डेटा लिया गया कि उस वक्त इलाके में कौन-कौन से फोन ऐक्टिव थे। तकरीबन 140 लोगों से पूछताछ हुई।

अंत में दस संदिग्धों की तस्वीरें बच्ची को दिखाई गईं। काउंसलर और महिला पुलिसकर्मी की मौजूदगी में बच्ची ने एक फोटो पर उंगली रख दी। बस वही राम सिंह निकला।

आरोपी ने कबूला जुर्म, खुद भी तीन बच्चों का बाप

गिरफ्तारी के बाद राम सिंह ने सारा जुर्म कबूल कर लिया। उसने बताया कि वह मूल रूप से मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले का रहने वाला है और पिछले दो साल से राजकोट में मजदूरी करता था। शादीशुदा है और बारह साल की बेटी सहित तीन बच्चे हैं। फिर भी उसने इतनी छोटी बच्ची पर यह जुल्म कर डाला।

पुलिस ने उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की नई धारा 65(2) यानी नाबालिग से बलात्कार और पॉक्सो एक्ट की सबसे सख्त धाराएं 5(L) 5(M) और 6 लगाई हैं। इनमें उम्रकैद से लेकर फांसी तक का प्रावधान है।