
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि हमें कड़ी प्रतिस्पर्धा के लिए तैयारी रहना चाहिए। जब हम आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं तो हमे अपनी ताकत पर भरोसा करना है। हमे वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना है। उन्होंने कहा कई क्षेत्रों में नीतियों को सरल बनाने की आवश्यकता है। ताकि लोगों की भागेदारी बढ़े और पारदर्शिता आ सके। उन्होंने कहा कि नए क्षेत्रों जैसे सोलर पीवी विनिर्माण, उन्नत सेल बैटरी भंडारण आदि के संवर्धन के लिए प्रोत्साहन योजनाएं शुरू की जाएंगी।
निर्मला सीतारमण शनिवार को आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त की जानकारी दे रही थी। उन्होंने कहा कि कई सेक्टर आज भी चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। इनकी मजबूती के लिए नीतिगत बदलाव की जरूरत है। वित्त मंत्री ने आज 8 सेक्टर के लिए बड़ी घोषणाएं की। इन क्षेत्रों में माइनिंग, खनिज, विमानन और डिफेंस शामिल हैं।
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वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार की ओर से पहली बड़ी घोषणा कोयला क्षेत्र के लिए की गई है। कोयला क्षेत्र में कॉमर्शियल माइनिंग शुरू की जाएगी और सरकार का एकाधिकार खत्म होगा। कोयला क्षेत्र के लिए 50 हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे। सरकार खुली नीलामी कराएगा। कोयला क्षेत्र के कारोबारियों के लिए नियमों में ढील दी जाएगी। कोयला क्षेत्र में 500 नए ब्लॉक की नीलामी की योजना है।
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वित्त मंत्री ने खनिज क्षेत्र के लिए बड़ी घोषणा करते हुए बताया कि माइनिंग और मिनरल सेक्टर में संरचनात्मक सुधार किया जाएगा। खनिज क्षेत्र में विकास की नीति अपनाई जाएगी। बॉक्साइट और कोयला के क्षेत्र में संयुक्त नीलामी का प्रावधान किया जाएगा।
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वित्तमंत्री ने कहा कि रक्षा उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मेक इन इंडिया पर जोर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि रक्षा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 49 फीसदी से बढ़ाकर 75 फीसदी की जाएगी। इसके साथ ही कुछ हथियारों के आयात पर प्रतिवंध लगाया जाएगा। निर्मला सीतारमण ने कहा कि साल दर साल भारत में ही हथियारों का उत्पादन बढ़ाया जाएगा और जो पुर्जे आयात करने पड़ते हैं उनका भी उत्पादन देश में ही किया जाएगा। इसके लिए अलग से बजट दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड को निगमीकृत करने के साथ ही इसे शेयर बाजार में सूचीबद्ध किया जाएगा।
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वित्त मंत्री कहा कि वर्ल्ड क्लास लेवल के एयरपोर्ट का विकास पीपीपी मॉडल से किया जायेगा। पीपीपी मॉडल से 6 एयरपोर्ट विकसित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि एयरस्पेस बढ़ाया जाएगा। इससे आमदनी में इजाफा होगा। इसके लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को 2300 करोड़ रुपया दिया जाएगा।
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