राहुल गांधी की लाइव प्रेस-कॉन्फ्रेंस दे रही सरकार को चुनौती, सामने आएंगे पीएम मोदी!

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी की जनता व मिडिया से संवाद की सहज शैली केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को चुनौती देती नजर आ रही है। गरीब, मजदूर और मध्यम तबके के लोग कहने हैं कि प्रधानमंत्री गरीबों और मजदूरों की बात कब करेंगे और सुनेंगे? अपने मन की बात तो वह पिछले ६ सालों से करते आ रहे हैं। प्रधानमंत्री द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज के बाद गरीब, मजदूर और मध्यम तबका खुद को ठगा महसूस कर रहा है। लोग अब प्रधानमंत्री की अपेक्षा कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सलाह को तरजीह दे रहे हैं, क्योंकि वह लगातार जनता के साथ ही मिडिया से भी संवाद कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनसंवाद से परहेज़ और मिडिया से दुरी बनाकर चलते हैं। पिछले पांच साल के कार्यकाल में उन्होंने एक भी प्रेस कांफ्रेंस नहीं की। दूसरे कार्यकाल का भी एक साल पूरा हो रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री अपने ही मन की कर रहे हैं। कोरोना त्रासदी में भी वह न तो विपक्ष से सलाह ले रहे हैं और न ही विशेषज्ञों कि सलाह को तरजीह दे रहे हैं। पीएम मोदी की इस शैली से संकट कम होने के बजाय और गहराता जा रहा है।

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पीएम मोदी के विपरीत कांग्रेस नेता राहुल गांधी

लगातार जनसंवाद कर रहे हैं। कोरोना संकट गहराने के पहले ही उन्होंने सरकार को सचेत कर दिया था। हमेशा कि तरह ही उस समय भी सरकार ने उनकी बातों को महत्व नहीं दिया। उसके बाद भी कोरोना संकट पर राहुल गांधी सरकार को लगातार सलाह देते आ रहे हैं। यही नहीं इस दौरान वह विशेषज्ञों से भी लगातार संवाद कर रहे हैं। गत दिनों उन्होंने प्रख्यात अर्थशास्त्री रघुराम राजन का साक्षात्कार लिया था।

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इसके साथ ही राहुल गांधी लगातार मिडिया से भी मुखातिब हो रहे हैं। शनिवार को भी उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये प्रेस कांफ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने मिडिया के सभी सवालों का जवाब दिया। इस तरह राहुल लाइव प्रेस-कॉन्फ्रेंस के जरिये सरकार की मनमानी पूर्ण और कारपोरेट परस्त नीतियों को चुनौती दे रहे हैं। देश की आम जनता उनकी सलाहों और तर्कों को तरजीह दे रही है।

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इस तरह पीएम मोदी के प्रति आम लोगों का भरोसा टूट चूका है। लोग जुमलों के बजाय जमींन पर कुछ होते देखना चाहते हैं। कोरोना के कहर ने बची-खुची कसर भी पूरी कर दी। पीएम मोदी द्वारा घोषित २० लाख करोड़ के पैकेज ने भी लोगों को निराश ही किया है। गरीब, मजदूर और मध्यम तबके के लोगों को अब राहुल गांधी की ‘न्याय’ योजना में समस्याओं का हल नजर आने लगा है। इसलिए सियासत के जानकार अब सवाल करने लगे हैं कि क्या पीएम मोदी सामने आएंगे?

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