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  यूपी किरण डेस्क। पूर्वी नागालैंड के छह जिलों को मिलकर अलग राज्य की मांग को लेकर सात नागा जनजातियों के शीर्ष निकाय ईस्टर्न नागालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ईएनपीओ) ने अलग राज्य की मांग को लेकर बेमियादी बंद का आह्वान किया है। सोमवार को बंद के चलते सड़कों से वाहन नदारद रहे और दुकाने भी पूरी तरह से बंद रही। बंद के कारण पूर्वी नागालैंड के छह जिलों में सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा। ईएनपीओ ने आवश्यक सेवाओं बिजली विभाग, चिकित्सा, अग्निशमन के अलावा मीडिया और शादियों को बंद के दायरे से मुक्त रखा गया है।

गौरतलब यही कि ईस्टर्न नागालैंड पीपुल्स ऑर्गेनाइजेशन (ENPO) अपने आदिवासी निकायों और फ्रंटल संगठनों के साथ मिलकर राज्य के पूर्वी हिस्से के छह जिलों को मिलाकर एक अलग राज्य नाने की मांग कर रहा है। इन जिलों में मोन, तुएनसांग, लोंगलेंग, किफिरे, नोक्लाक और शामतोर आदि शामिल है। ईएनपीओ के बेमियादी बंद के आह्वान का इन सभी जिलों में खासा असर रहा। इन जिलोंमेर सरकारी संस्थान और कार्यालय पूरी तरह से बंद रहे। सड़कों पर सुबह से सन्नाटा ही रहा। 

ईएनपीओ पूर्वी नागालैंड के छह जिलों मोन, तुएनसांग, लॉन्गलेंग, किफिरे, नोकलाक और शामतोर को मिलाकर एक अलग 'फ्रंटियर नागा टेरिटरी' राज्य बनाने की मुहिम छेड़े हुए है। बेमियादी बंद के आह्वानका निर्णय रविवार को तुएनसांग जिले में ईएनपीओ के मुख्यालय में लिया गया। ईएनपीओ ने अपनी मांगपूरी होने तक आगामी लोकसभा चुनाव में किसी भी राजनीतिक दल को क्षेत्र में प्रचार करने की अनुमति नहीं देने का भी संकल्प लिया है। बताते चलें कि ईएनपीओ ने पूर्वी नागालैंड में सार्वजनिक आपातकाल की घोषणा की है। 
 

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