सुकमा जिले का नाम सुनते ही कहीं न कहीं नक्सलियों की छवि मन में आती है। मगर अब सुकमा की पहचान बदल रही है। यहां की बेटी रिया अब दूसरे मुल्क में जाकर न केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश का नाम रौशन करेगी। दोरनापाल की रहने वाली 24 साल की रिया के पिता ड्राइवर हैं। साधारण परिवार में जन्मी रिया ने अपनी मेहनत के दम पर लंदन में अच्छे खासे पैकेज पर नौकरी हासिल कर ली है।
उनकी दादी सरकारी नर्स हुआ करते थे। वह बोली, मैं अपने दादी के नक्शेकदम पर जाऊंगी। मुझे भी मेडिकल लाइन में जाना है। हम उनको लेकर बैंगलोर गए, जहां वैदेही मेडिकल इंस्टीट्यूट में उनका दाखिला हुआ। ऑनलाइन इंटरव्यू कुछ जगहों पर, जिसमें से उसका सेलेक्शन मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में हुआ। उसके बाद वो यहां से सीधा मुंबई गई। वहां दो साल जॉब करी। उसी जॉब करने के दौरान ही। वह एग्जाम की तैयारी करे और वहां से एग्जाम देगी। जिसमें उसे उम्दा सफलता हासिल हुई और उसके बाद उसका सलेक्शन वहां यूके जाने के लिए हुआ जहां पर पिछले हफ्ते ही गई है। यानी प्राथमिक शिक्षा दोरनापाल में हासिल की। यहां पर उसके पिता प्राइवेट स्कूल में ड्राइवर थी और मां उसी स्कूल में टीचर थी।
आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी क्योंकि दिव्या के बाद दो छोटे भाई बहन भी थे। मगर रिया की पढ़ाई और मेहनत देखकर पैरेंट्स ने उसे सपोर्ट किया और आठवीं के बाद उसे जगदलपुर भेज दिया। जहां से उसने अपनी बाकी की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद रिया बेंगलुरू गई और वहां चार साल नर्सिंग का कोर्स किया। इसके बाद दो साल मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में नौकरी की। इस दौरान उसे यूके में नौकरी का ऑफर भी मिल गया। लंदन में कैद गोल्ड यूनिवर्सिटी में उसने एक हफ्ते पहले बतौर आईसीयू नर्स की पोजिशन पर ज्वॉइन किया है।
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