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Up Kiran, Digital Desk: बंगाल की खाड़ी में सक्रिय मौसमी सिस्टम ने छत्तीसगढ़ में मानसून की रफ्तार को तेज कर दिया है। दक्षिणी इलाकों, खासतौर पर बस्तर संभाग में जबरदस्त बारिश का दौर जारी है। मौसम मकहमे ने राज्य के 28 जिलों के लिए ऑरेंज और यलो अलर्ट जारी किया है। अनुमान है कि आने वाले दिनों में दक्षिण और मध्य छत्तीसगढ़ सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। वहीं, दक्षिण ओडिशा और उत्तर आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों पर बने कम दबाव का असर पड़ोसी जिलों में भी दिख सकता है।

मौसम विभाग ने दी चेतावनी

रायपुर स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, कांकेर, धमतरी, बालोद, राजनांदगांव, गरियाबंद, महासमुंद, रायपुर, बिलासपुर समेत कुल 28 जिलों में तेज़ बारिश और बिजली गिरने की आशंका है। इन जगहों पर हवा की गति 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा तक जा सकती है। विभाग ने अगले तीन घंटों के लिए यह अलर्ट जारी किया है। गुरुवार रात रायपुर, दुर्ग-भिलाई और बिलासपुर में जोरदार बारिश देखने को मिली, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई। रायपुर में अधिकतम तापमान 33.4 डिग्री और राजनांदगांव में न्यूनतम 20 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

क्यों बढ़ी बारिश की तीव्रता

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी से उठा निम्न दबाव अब पश्चिम-मध्य ओडिशा और उत्तर आंध्र प्रदेश तक फैल चुका है। ऊपरी हवा का चक्रवाती घेरा करीब 7.6 किलोमीटर तक फैला हुआ है। इसके अलावा, मानसून की द्रोणिका राजस्थान से होते हुए मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा तक सक्रिय है। एक अन्य द्रोणिका गंगा के मैदानी इलाकों से अरब सागर तक बनी हुई है, जिसके कारण दक्षिण ओडिशा और तेलंगाना से लेकर छत्तीसगढ़ तक बारिश का दायरा बढ़ा है।

24 घंटे का बारिश का रिपोर्ट कार्ड

पिछले 24 घंटों में सुकमा जिले में सबसे ज्यादा 119 मिमी बारिश दर्ज की गई है। बीजापुर में 52 मिमी, दंतेवाड़ा में 53.7 मिमी, बस्तर में 63.3 मिमी, कोंडागांव में 48.2 मिमी, गरियाबंद में 47.8 मिमी, कांकेर में 56.3 मिमी और बालोद में 62.6 मिमी बारिश हुई। बिलासपुर में 64.6 मिमी और मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 40.8 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई। रायपुर, दुर्ग, बेमेतरा, बलौदाबाजार, जांजगीर-चांपा, मुंगेली, रायगढ़, सरगुजा, जशपुर, सूरजपुर और कोरिया सहित कई जिलों में मध्यम बारिश का सिलसिला जारी है।

किसानों और आम लोगों के लिए राहत

लगातार हो रही बारिश से जहां तापमान में गिरावट आई है, वहीं किसानों के लिए यह पानी खेती-किसानी में वरदान साबित हो सकता है। हालांकि, जिन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी है वहां नदी-नालों का जलस्तर बढ़ सकता है और जनजीवन प्रभावित हो सकता है।

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