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जब जीवन संघर्षों से भरा हो मगर आपके सपने बड़े हों, तो कड़ी मेहनत ही एकमात्र ऐसा पुल है जो आपको अपने लक्ष्य तक पहुंचने में मदद करता है। फर्रुखाबाद जिले के खेरे नगला गांव के आयुष राजपूत के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। इस युवक द्वारा प्राप्त सफलता हर युवा के लिए प्रेरणादायी है। आयुष अपने गांव में सरकारी नौकरी पाने वाला पहला युवक बन गया है। आयुष का बचपन कठिन पारिवारिक परिस्थितियों में बीता, उनके पास कोई आर्थिक संसाधन नहीं था।
खेती में अपने पिता की मदद करते हुए आयुष ने उनके लिए एक बड़ा सपना देखा। उनकी दिनचर्या थी दिनभर खेतों में काम करना और बाकी समय पढ़ाई करना। जीवन के कठिन समय में भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने खुद को एसएससी और सीजीएल परीक्षाओं के लिए समर्पित कर दिया था। वह आत्मनिरीक्षण के माध्यम से अपनी कमियों को पूरा करने पर काम कर रहे थे। वह समय नियोजन और अध्ययन को प्राथमिकता दे रहा था। अंततः उनकी कड़ी मेहनत रंग लाई और उन्हें ईडी में सहायक प्रवर्तन अधिकारी के पद पर चयनित कर लिया गया।
गांव में खुशी का माहौल
आयुष राजपूत के गांव में पहली बार किसी युवक का सरकारी नौकरी में चयन हुआ। जब ईडी परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ तो आयुष की सफलता को देखकर पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। हर जगह मिठाइयाँ बाँटी गईं। लोगों ने आयुष के परिवार को शुभकामनाएं दीं। आज आयुष गांव के युवाओं के लिए रोल मॉडल बन गया है।
आयुष ने अपनी शिक्षा एसडी इंटर कॉलेज पाहला से शुरू की। इसके बाद उन्होंने स्वराजवीर इंटर कॉलेज से 12वीं की परीक्षा पास की। इसके बाद उन्होंने बी.एस.सी. की डिग्री प्राप्त की। 2022 में रामकृष्ण कॉलेज से डिग्री प्राप्त करेंगे। वे शिक्षा के लिए हर दिन साइकिल से 15 किमी का सफर तय करते थे। आयुष राजपूत की सफलता को देखकर गांव के बुजुर्ग कहते हैं कि अब खेरे नगला में सरकारी नौकरी की बदौलत उम्मीद की पहली किरण जगी है। आयुष को देखकर अन्य युवा भी उसका अनुसरण करेंगे। आयुष को देखकर साफ पता चलता है कि अगर सपना बड़ा हो तो कड़ी मेहनत से उसे हासिल करने की ताकत भी होती है।