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Up Kiran, Digital Desk: भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने आज सभी मीडिया चैनलों को एक महत्वपूर्ण सलाह जारी की है। मंत्रालय ने उनसे सामुदायिक जागरूकता अभियानों के अतिरिक्त अपने कार्यक्रमों में नागरिक सुरक्षा हवाई हमले के सायरन की आवाज का इस्तेमाल न करने का आग्रह किया है।
गृह मंत्रालय के अधीन अग्निशमन सेवा नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड महानिदेशालय द्वारा जारी इस परामर्श में नागरिक सुरक्षा अधिनियम 1968 की धारा 3 (1) (डब्ल्यू) (आई) के तहत प्रदत्त शक्तियों का हवाला दिया गया है। परामर्श में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि मीडिया चैनलों से अनुरोध है कि वे समुदाय को शिक्षित करने के अलावा अपने कार्यक्रमों में नागरिक सुरक्षा हवाई हमले के सायरन की आवाज का उपयोग करने से बचें।
मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि सायरन का नियमित उपयोग नागरिकों की हवाई हमले के सायरन के प्रति संवेदनशीलता को कम कर सकता है। ऐसी स्थिति में वास्तविक हवाई हमलों के दौरान नागरिक इसे मीडिया चैनलों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक सामान्य घटना समझ सकते हैं और भ्रमित हो सकते हैं। गृह मंत्रालय ने नागरिक सुरक्षा अधिनियम 1968 के संदर्भ में नागरिक सुरक्षा तैयारियों को बढ़ाने में मीडिया से सहयोग की अपेक्षा की है।
यह परामर्श ऐसे समय में आया है जब भारत ने शनिवार को ही पाकिस्तान के एक दुर्भावनापूर्ण गलत सूचना अभियान को कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए उसे सिरे से खारिज कर दिया था। पाकिस्तान ने झूठा दावा किया था कि उसने महत्वपूर्ण भारतीय सैन्य संपत्तियों और बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया है।
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