नई दिल्ली॥ राजधानी दिल्ली में विधानसभा इलेक्शन में भारतीय जनता पार्टी की करारी हार झेलने के बाद अब केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार एक्शन में आ गई है। दरअसल, दिल्ली इलेक्शन में ‘पाकिस्तान’ को मुद्दा बनाने वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार अब अपनी लोक कल्याणकारी योजनाओं को जनता के सामने रखेगी।
केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार एक अभियान शुरू करने जा रही है, जो 15 फरवरी से 31 मार्च तक चलाया जाएगा। इस अभियान को नाम दिया गया है- ‘हर काम, देश के नाम’। इस संबंध में केंद्रीय मंत्री ने एक पत्र जारी किया है, जिसमें सभी मंत्रालयों को निर्देश दिए गए हैं कि अपने-अपने मंत्रालय के लोक-कल्याणकारी कामों को इस अवधि में विभिन्न प्रचार माध्यमों के जरिए उजागर करें। अर्थात जनता तक पहुंचाएं।
इस अभियान के पीछे भारतीय जनता पार्टी सरकार की बौखलाहट को माना जा रहा है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी के हाथ से एक के बाद एक राज्य फिसलते जा रहे हैं। मोदी-शाह की नाक के नीचे दिल्ली में तो इस तरह की दुर्गति की कतई उम्मीद नहीं थी। वह भी तब जब स्वयं मोदी और शाह ने रैलियां की हों।
केजरीवाल की तीसरी दिल्ली फतह से कहीं न कहीं पूरे देश की जनता में ये संदेश गया है कि पीएम मोदी का जादू उतार पर है या फिर भारतीय जनता पार्टी के ‘चाणक्य’ कहे जाने वाले अमित शाह सियासत की शतरन्ज पर निरंतर मात खा रहे हैं। दिल्ली से पहले महाराष्ट्र और झारखंड भी भारतीय जनता पार्टी के हाथ से जाते रहे। हरियाणा में जरूर जोड़-तोड़ के बाद सरकार बन गई।
महन्गाई एक बार फिर आसमान पर है। …और संभवत: नरेन्द्र मोदी को भी याद होगा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में महंगाई ही सबसे बड़ा मुद्दा था, जिसके दम पर वे कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर सके थे। दूसरी ओर, दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत अच्छा काम किया, जिसका उन्हें इस चुनाव में लाभ मिला। कहीं भी सत्ता विरोधी लहर नजर नहीं आई।
अब देखना यह होगा कि ‘हर काम, देश के नाम’ अभियान के माध्यम का भारतीय जनता पार्टी को क्या लाभ मिलता है। सबसे खास बात यह है कि साल के अंत में एक प्रमुख हिन्दी भाषी राज्य बिहार में भी चुनाव का सामना करना है, जहां अभी जदयू-भारतीय जनता पार्टी की मिलीजुली सरकार है।