चीन की अर्थव्यवस्था में निरंतर गिरावट आ रही है. कभी दुनिया की फैक्ट्री कहा जाने वाला चीन इस वक्त खतरे में है। चीन में नौकरियाँ कम हो रही हैं और अधिकांश जनसंख्या बूढ़ी हो रही है। चीनी कंपनियों पर कर्ज का बोझ निरंतर बढ़ रहा है और रियल एस्टेट कारोबार में स्थिरता नजर आ रही है। तो वहीं कई देशों की जनता इसकी पीछे का कारण पाकिस्तान को बता रही हैं।
चीनी सरकार के कारोबार में दखल के कारण विदेशी कंपनियां भी चीन से मुंह मोड़ने लगी हैं। चीन की इस स्थिति ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है. हालाँकि चीन अपने दरवाज़े नहीं खोल रहा है मगर, उसकी ख़राब स्थिति अब दिखने लगी है। निर्यात के ताजा आंकड़ों ने चीन की परेशानी बढ़ा दी है।
अर्थव्यवस्था को करारा झटका
चीन की अर्थव्यवस्था पहले से ही ख़राब हालत में है. इस बीच निर्यात के आंकड़ों ने चीन की परेशानी बढ़ा दी है। चीन के निर्यात आँकड़े परेशानी बढ़ा रहे हैं। दुनिया में चीनी सामान के प्रति कम हो रहे क्रेज ने उनकी मुसीबतें बढ़ा दी हैं।
निर्यात आंकड़ों पर नजर डालें तो सितंबर में चीन का निर्यात निरंतर पांचवीं बार गिरा है। सितंबर में चीन के निर्यात में गिरावट चीनी सरकार की परेशानी बढ़ा रही है। सितंबर में निर्यात निरंतर पांचवें महीने 6.2 % गिरकर 229.13 अरब डॉलर रह गया. कमजोर वैश्विक मांग के कारण चीन के निर्यात में गिरावट आई है।
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