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जोशीमठ वासियों के लिए एक बार फिर खतरे की घंटी बज चुकी है। एक वक्त लग रहा था कि दरारें अब थम गई हैं। जोशीमठ का घाव भरने लगा है, लेकिन मॉनसून सीजन आते ही दरारों में पानी भरने लगा है। यह दरारें ब्लड स्लाइड का रूप ले चुकी हैं। पैदल रास्ते भी तबाह हो गए हैं। सरदार वॉर्ड में मूसलाधार बारिश के बाद एक बड़ा पत्थर फिसलकर नीचे की तरफ खिसक चुका है।

आपको बता दें कि यह वही इलाका है जहां लोहे की बल्लियों को लगाकर बड़े बड़े बोल्डरों को रोकने की कोशिश प्रशासन ने की थी। लेकिन मानसून की बारिश के बाद सरदार वार्ड में तेजी के साथ दरारों ने भूस्खलन का रूप ले लिया है। लगातार हो रहा भूस्खलन कई मकानों के लिए खतरा बन चुका है। सरदार वार्ड में कई घर खतरे की जद में आ चुके हैं।

जनवरी के महीने की यादें एक बार फिर से ताजा हो रही हैं। जनवरी के महीने में जहां लोग नए साल का जश्न मना रहे थे तो जोशीमठ के लोगों के घरों में दरारें पैर पसार रही थी। ये दरारें अब एक बार फिर लोगों की मुसीबत खड़ी कर रही हैं। 

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