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MP विधानसभा चुनाव में भाजपा ने भारी जीत हासिल की है। मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 सीटों में से भाजपा ने 163 सीटों पर कब्जा कर लिया है। कांग्रेस को महज 66 सीटों से संतोष करना पड़ा है। एक तरफ जहां भाजपा ने जोरदार प्रदर्शन किया, वहीं कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक उम्मीद के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर सके। कई सिंधिया समर्थकों को हार का सामना करना पड़ा।

सन् 2020 में सिंधिया के साथ 22 विधायक कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। इनमें से 6 सीटों पर भाजपा ने सिंधिया गुट के विधायकों और नेताओं को टिकट दिया था। मगर इनमें से चार सीटों पर दूसरे सिंधिया समर्थकों को मौका दिया गया। इस विधानसभा चुनाव में कुल मिलाकर 20 सिंधिया समर्थकों को टिकट दिया गया। उनमें से 11 जीते और 9 हारे।

सिंधिया समर्थक प्रद्युम्न सिंह तोमर, तुलसी सिलावट, प्रभुराम चौधरी, गोविंद सिंह राजपूत, बिसाहूलाल सिंह, हरदीप सिंह डंग, बृजेंद्र सिंह यादव, मनोज चौधरी, ऐंदल सिंह कंषाना, मोहनसिंह राठौड़ और महेंद्र सिंह यादव जीत गए। जबकि राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, महेंद्र सिंह सिसौदिया, सुरेश धाकड़ राठखेड़ा, जयपाल सिंह जज्जी, कमलेश जाटव, इमरती देवी, रघुराज सिंह कंषाना, माया सिंह और हिरेंद्र सिंह बंटी हार गए।

मगर इस बार भाजपा ने सिंधिया राजघराने के लगभग सात नेताओं को टिकट नहीं दिया। सिंधिया समर्थक और शिवराज सिंह चौहान सरकार में मंत्री ओपीएस भदौरिया को टिकट नहीं दिया गया। उपचुनाव में हारे पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल, जसवंत जाटव, गिरिराज दंडौतिया, रणवीर जाटव, रक्षा सरौनिया को भी BJP ने टिकट नहीं दिया।