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Up Kiran, Digital Desk: हाल ही में, हमारे देश के लिए एक बहुत अच्छी खबर आई है – खास तौर पर आयुर्वेद और विज्ञान से जुड़े क्षेत्र में! पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ने गिलोय पर एक खास शोध किया है और इस महत्वपूर्ण काम को 'बीएमसी प्लांट बायोलॉजी' नाम के एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक जर्नल में जगह मिली है. यह इस बात का सबूत है कि हमारे पुराने पारंपरिक ज्ञान को अब दुनिया भर में वैज्ञानिक तौर पर पहचान मिल रही है.

इस शोध की सबसे बड़ी खोज यह है कि उन्होंने गिलोय (जिसका वैज्ञानिक नाम टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया है) से 'अमृतोसाइड' नाम का एक बिल्कुल नया मॉलिक्यूल, यानी एक रसायन, निकाला है. इस 'अमृतोसाइड' को बहुत खास माना जा रहा है क्योंकि इसमें हमारी बीमारियों से लड़ने की क्षमता, यानी रोग प्रतिरोधक प्रणाली (इम्युनिटी) को बढ़ाने के अद्भुत गुण हो सकते हैं.

गिलोय: रोगों से लड़ने का हमारा सदियों पुराना साथी

हम सबने सुना है कि गिलोय आयुर्वेद में कितना खास माना जाता है और इसे कई बीमारियों में एक बेहतरीन इम्युनिटी बूस्टर के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. इस नए वैज्ञानिक अध्ययन ने उस पारंपरिक भरोसे को आधुनिक विज्ञान का साथ दिया है, और यह समझाया है कि आखिर गिलोय इतना प्रभावशाली क्यों है.

वैज्ञानिकों ने अपने शोध में बताया है कि 'अमृतोसाइड' हमारे शरीर की उन कोशिकाओं को मजबूत बनाता है, जो हमें बीमारियों से बचाती हैं. इसकी एक बड़ी खासियत यह भी है कि यह 'साइटोकिन स्टॉर्म' जैसी गंभीर स्थिति को रोकने में मदद कर सकता है. 'साइटोकिन स्टॉर्म' तब होता है जब शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली किसी बड़े संक्रमण (जैसे कि कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान देखा गया था) के जवाब में इतनी सक्रिय हो जाती है कि वह अपने ही स्वस्थ ऊतकों को नुकसान पहुंचाने लगती है. 'अमृतोसाइड' ऐसे में प्रतिरक्षा प्रणाली को सही संतुलन में रखने का काम कर सकता है, ताकि वह हमलावरों से तो लड़े, लेकिन शरीर को खुद नुकसान न पहुँचाए.

इस महत्वपूर्ण शोध के मुख्य लेखक आचार्य बालकृष्ण रहे हैं, और उनके साथ डॉ. वेदप्रिया आर्य, डॉ. अनुराग वार्ष्णेय जैसे कई भारतीय वैज्ञानिक भी शामिल हैं. यह खोज सिर्फ गिलोय की अहमियत को ही नहीं बढ़ाती, बल्कि आयुर्वेद की शक्ति को एक नई पहचान देती है और भविष्य में गिलोय आधारित नई दवाएँ बनाने का रास्ता भी खोलती है. यह एक बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे भारत का प्राचीन ज्ञान आधुनिक विज्ञान के साथ मिलकर मानव स्वास्थ्य के लिए क्रांतिकारी समाधान प्रस्तुत कर सकता है.