गो-फर्स्ट एयरलाइंस दिवालिया होने की कगार पर है। कंपनी ने खुद भी एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) में स्वैच्छिक दिवाला कार्यवाही के लिए आवेदन किया है।
आज गो फर्स्ट एक बड़े वित्तीय संकट का सामना कर रहा है और कंपनी के पास इतना पैसा भी नहीं बचा है कि वह अपने जेट ईंधन के बकाया का भुगतान कर सके। एयरलाइन के दिवालिएपन के कगार पर होने की भी अफवाह है, क्योंकि कहा जाता है कि कंपनी नकदी और तेल दोनों से बाहर चल रही है।
गोफर्स्ट एयरलाइन को 20 विमान पट्टे पर दिए गए थे और अब इन पट्टेदारों ने डीजीसीए (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) से उनका पंजीकरण रद्द करने और उन्हें वापस करने को कहा है।
क्या कहता है कानून
मामले से जुड़े लोगों ने नियमों का हवाला देते हुए कहा था कि पट्टेदार के अनुरोध करने के बाद डीजीसीए को अपनी वेबसाइट पर जानकारी पोस्ट करनी चाहिए और उसके बाद पांच दिनों के भीतर विमान का पंजीकरण रद्द कर देना चाहिए।
एयरलाइंस ने क्या कहा?
एयरलाइंस ने कहा है कि अमेरिकी कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी से पट्टे पर स्पेयर इंजन के साथ स्थिति में सुधार होने पर वे अपने विमानों को वापस कर देंगी। GoFirst ने यह भी आरोप लगाया कि अमेरिकी फर्म ने इंजनों की आपूर्ति के संबंध में अपनी बात नहीं रखी, जिससे कंपनी को कई संकटों का सामना करना पड़ा।