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Up kiran,Digital Desk : गोवा के अरपोरा गांव में स्थित ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ नाइटक्लब में लगी भीषण आग, जिसमें 25 लोगों की जान चली गई थी, अब एक नए विवाद की वजह बन गई है। इस मामले में जमीन के वास्तविक मालिक प्रदीप घड़ी अमोणकर ने चौंकाने वाले आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि इस हादसे के मुख्य आरोपी सुरिंदर कुमार खोसला को जानबूझकर बचाया जा रहा है और कुछ प्रभावशाली लोग उसे संरक्षण दे रहे हैं।

अमोणकर ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में दावा किया कि सुरिंदर खोसला इस पूरे मामले का असली गुनहगार है, लेकिन उसे देश छोड़कर यूके जाने दिया गया। जबकि गोवा पुलिस ने क्लब से जुड़े सौरभ लूथरा, गौरव लूथरा और अजय गुप्ता समेत आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, खोसला अब भी फरार है।

उन्होंने कहा कि गांव पंचायत द्वारा क्लब को तोड़ने का आदेश सुरिंदर खोसला के नाम पर जारी किया गया था। क्लब के खिलाफ दर्ज की गई हर शिकायत में उसका नाम शामिल था। इसके बावजूद वह अब तक कानून की पकड़ से बाहर है। अमोणकर का आरोप है कि कुछ बड़े और ताकतवर लोग खोसला को बचाने में लगे हुए हैं।

अमोणकर ने यह भी बताया कि उन्होंने हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट की गोवा बेंच में खोसला के खिलाफ एक सिविल मामला दायर किया था। बाद में इसी केस को आग की घटना में जवाबदेही तय करने के उद्देश्य से जनहित याचिका में तब्दील कर दिया गया।

अपने और खोसला के पुराने संबंधों पर बात करते हुए अमोणकर ने कहा कि वर्ष 2004 में उन्होंने क्लब से सटी जमीन पर बने 107 अपार्टमेंट्स में से 24 अपार्टमेंट सुरिंदर खोसला को किराए पर दिए थे। इसके कुछ समय बाद जमीन बेचने का एक समझौता भी हुआ, लेकिन छह महीने तक कोई भुगतान नहीं मिला।

अमोणकर के मुताबिक, भुगतान न मिलने के चलते उन्होंने अपनी सहमति वापस ले ली थी, इसके बावजूद खोसला ने जमीन खाली नहीं की और वहां नाइटक्लब संचालन की अनुमति दे दी। यही विवाद आगे चलकर बड़े हादसे और 25 लोगों की मौत की वजह बना।