Up kiran,Digital Desk : रेलवे की खबरों का इंतजार कर रहे यात्रियों के लिए आज सुबह (मंगलवार, 25 नवंबर) एक निराश करने वाली खबर आई है। जिस गोरखपुर-पीलीभीत एक्सप्रेस (Train No. 15009/15010) के इज्जतनगर (बरेली) तक चलने की हम सब आस लगाए बैठे थे, उस पर फिलहाल ब्रेक लग गया है।
सोशल मीडिया पर जैसे ही यह खबर फैली कि रेलवे ने ट्रेन का विस्तार रद्द कर दिया है, मैलानी और पीलीभीत के यात्रियों, खासकर व्यापारियों के चेहरों पर मायूसी छा गई। कल तक जो लोग बरेली जाने की प्लानिंग कर रहे थे, आज उन्हें फिर पुराने रास्तों का सहारा लेना पड़ेगा।
रात के अंधेरे में बदला फैसला
सब कुछ तय था। रेलवे ने टाइम-टेबल भी जारी कर दिया था। योजना के मुताबिक, गोरखपुर-पीलीभीत एक्सप्रेस 24 नवंबर की रात को गोरखपुर से चलकर आज (25 नवंबर) दोपहर 12:45 बजे इज्जतनगर पहुंचनी थी। और फिर वापसी में उसी दिन दोपहर 3:10 बजे इज्जतनगर से वापस गोरखपुर के लिए रवाना होनी थी।
लेकिन रविवार की रात करीब 11:20 बजे जोनल मुख्यालय गोरखपुर से अचानक एक चिट्ठी (आदेश) आई, जिसमें लिखा था कि इस विस्तार को 'फिलहाल निरस्त' किया जा रहा है। यानी खुशियां 24 घंटे भी नहीं टिक पाईं।
आखिर पेंच कहां फंसा? (Inside Story)
अब आप सोच रहे होंगे कि जब टाइम-टेबल बन गया था, तो ट्रेन रोकी क्यों? रेलवे के सूत्रों की मानें तो यह फैसला थोड़ी जल्दबाजी में लिया गया था। अब दिक्कत यह आ रही है कि इज्जतनगर तक ट्रेन ले जाने और वहां से वापस लाने के लिए टाइम-टेबल का तालमेल नहीं बैठ पा रहा है। साथ ही, ट्रेन चलाने के लिए चालक दल (Crew/Staff) की व्यवस्था में भी कुछ तकनीकी पेंच फंस गए हैं।
कहा जा रहा है कि जब ये सारी समस्याएं सुलझा ली जाएंगी, तभी दोबारा हरी झंडी मिलेगी। तब तक इंतजार करने के सिवाय कोई चारा नहीं है।
महंगी यात्रा और टूटी उम्मीदें: क्या बोले स्थानीय लोग?
इस फैसले का सबसे ज्यादा असर उन छोटे व्यापारियों और आम लोगों पर पड़ा है, जिनका रोज का आना-जाना बरेली से जुड़ा है।
- सनव्वर अली (फुटवियर विक्रेता, मैलानी): इनका कहना है कि बरेली एक बड़ी थोक मंडी है। ट्रेन न होने की वजह से वहां जाना बहुत महंगा और थकाऊ होता है। जब विस्तार की खबर सुनी थी तो लगा था कि अब सफर आसान होगा, लेकिन रेलवे ने सारी उम्मीदें तोड़ दीं।
- अमित मुखर्जी (जनरल स्टोर व्यवसायी): बड़ी लाइन (आमान परिवर्तन) बनने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि अब इज्जतनगर (बरेली) से कनेक्टिविटी सुधरेगी। खुश होने का मौका मिला था, लेकिन ग्रहण लग गया।
- प्रताप सिंह रावत (एलआईसी एजेंट): उनका कहना है कि इस रूट के विस्तार से जिला सीधे ट्रेन के जरिए बरेली से जुड़ जाता। अब सपना फिर अधूरा रह गया है।
कुल मिलाकर, रेलवे के इस अचानक लिए गए फैसले ने क्षेत्र के हजारों यात्रियों को मायूस कर दिया है। अब देखना होगा कि रेलवे कब इन 'तकनीकी खामियों' को दूर कर दोबारा खुशखबरी देता है।
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