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Up Kiran, Digital Desk: स्वतंत्रता दिवस के 79वें वर्षगांठ पर उत्तराखंड में देशभक्ति का जोश और जश्न चरम पर रहा। देहरादून स्थित परेड मैदान में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में CM पुष्कर सिंह धामी ने ध्वजारोहण कर तिरंगे को सलामी दी और प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं। इस विशेष अवसर पर CM ने चंद अहम घोषणाएं कीं, जिनमें जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन से लेकर शिक्षा व ग्रामीण विकास तक कई महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया गया।
हिमालयी ग्लेशियरों की होगी गहन निगरानी
मुख्यमंत्री धामी ने ऐलान किया कि उत्तराखंड में स्थित सभी प्रमुख ग्लेशियरों, विशेष रूप से गंगोत्री क्षेत्र में, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से नियमित अध्ययन और पर्यवेक्षण की व्यवस्था की जाएगी। उनका कहना था कि जलवायु परिवर्तन के असर को समझना और उससे होने वाली प्राकृतिक आपदाओं के प्रति पूर्व-सावधानी बरतना अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि राज्य का आपदा प्रबंधन तंत्र अब और सशक्त किया जाएगा ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत और प्रभावी प्रतिक्रिया दी जा सके। ‘प्रीडिक्टिव’ और ‘प्रोएक्टिव’ अप्रोच को बढ़ावा दिया जाएगा।
सराहनीय कार्य करने वाले पुलिसकर्मी हुए सम्मानित
मुख्य समारोह के दौरान कानून व्यवस्था और जनसेवा में उत्कृष्ट योगदान देने वाले पुलिसकर्मियों को भी राज्य सरकार की ओर से सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने उन्हें प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिह्न देकर उनके योगदान की सराहना की।
मुख्यमंत्री की अन्य घोषणाएं: गांव से लेकर शिक्षा तक का समावेश
मिड-डे मील के लिए रसोई सुविधा: राज्य के उन प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को, जहां मिड-डे मील योजना के अंतर्गत खाना पकाने के लिए जरूरी संसाधन नहीं हैं, अब सरकार द्वारा दो गैस सिलेंडर और एक चूल्हा प्रदान किया जाएगा।
पेयजल संकट का समाधान: जिन विधानसभा क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता गंभीर समस्या बनी हुई है, वहां 10-10 नए हैंडपंप लगाए जाएंगे ताकि स्थानीय लोगों को राहत मिल सके।
ग्राम प्रहरी और चौकीदारों के लिए तोहफा: ग्रामीण स्तर पर सुरक्षा और सतर्कता बनाए रखने में अहम भूमिका निभाने वाले ग्राम चौकीदारों और प्रहरियों के मानदेय में ₹1000 की बढ़ोतरी की गई है।
सैनिक कल्याण विभाग में सुधार: सैनिक कल्याण से जुड़े ब्लॉक स्तर के प्रतिनिधियों का मानदेय भी अब ₹2000 बढ़ाया जाएगा, जिससे उन्हें और बेहतर कार्य करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
उच्च शिक्षा को नई दिशा: राज्य सरकार अब प्रत्येक जिले में एक विशेष शैक्षणिक केंद्र की स्थापना करेगी, जिसका संचालन उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के माध्यम से किया जाएगा। इन केंद्रों का उद्देश्य उच्च शिक्षा को सुलभ और रोजगारमुखी बनाना है, खासकर दूरस्थ क्षेत्रों के युवाओं के लिए।
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