GST Council Meeting: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने शनिवार को अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को मजबूत करने तथा कई उत्पादों और सेवाओं पर करों में छूट देकर या उन्हें कम करके आम आदमी को राहत प्रदान करने के लिए कई निर्णय लिए।
रेलवे द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएं जैसे प्लेटफार्म टिकट, वेटिंग और क्लॉक रूम सुविधाएं, बैटरी चालित कार सेवाएं और अंतर-रेलवे लेनदेन को जीएसटी से छूट दी गई है।
छात्रों को बड़ी राहत देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में परिषद ने शैक्षणिक संस्थानों के बाहर हॉस्टल में रहने की सेवाओं को प्रति व्यक्ति प्रति माह 20,000 रुपये तक की छूट देने का फैसला किया। शैक्षणिक संस्थानों के भीतर छात्रावासों को पहले से ही जीएसटी से छूट दी गई है।
सभी दूध के डिब्बों पर 12 प्रतिशत की एक समान दर से जीएसटी लगाया जाएगा। परिषद ने सभी कार्टन बॉक्स और केस पर 12 प्रतिशत की एक समान जीएसटी दर की भी सिफारिश की है। जीएसटी परिषद की मीटिंग के बाद सीतारमण ने संवाददाताओं से कहा, "इससे हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के सेब उत्पादकों को विशेष रूप से मदद मिलेगी।"
फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट दावों पर रोक लगाने के लिए परिषद ने चरणबद्ध तरीके से अखिल भारतीय स्तर पर आवेदकों के आधार-आधारित बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण को लागू करने की सिफारिश की है।
इस कदम से जीएसटी में रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया मजबूत होगी और फर्जी चालान के जरिए किए जाने वाले धोखाधड़ी वाले इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) दावों से निपटने में मदद मिलेगी।
जीएसटी परिषद की बैठक 8 महीने से अधिक के अंतराल के बाद हुई। ये परिषद की 53वीं बैठक थी, जिसमें सभी राज्यों का प्रतिनिधित्व है, और केंद्र में मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद यह पहली बैठक थी।
इस तरह से जीएसटी के दायरे में आएगा पेट्रोल और डीजल
पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के मुद्दे पर सीतारमण ने कहा, "यह राज्यों पर निर्भर है कि वे मिलकर फैसला करें और पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाएं। केंद्र सरकार की मंशा साफ है, हम चाहते हैं कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए।"
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