Up Kiran, Digital Desk: कभी दुश्मनों से देश की रक्षा करने वाला जवान, अब खुद देशद्रोह के आरोप में घिरा है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम से आई इस बड़ी खबर ने सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ा दिए हैं। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला-
पहलगाम से उठा शक का धुंआ, पीछे छिपी एक बड़ी आग
जम्मू-कश्मीर का पहलगाम—जहां की वादियों में सैलानी सुकून ढूंढते हैं, वहीं कुछ दिन पहले ही आतंक की काली छाया ने सबको हिला दिया। अब इसी घटना से जुड़ी एक सनसनीखेज जानकारी सामने आई है।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के एक जवान को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। नाम है मोती राम जाट, जो कि सहायक उप-निरीक्षक (ASI) के पद पर तैनात थे।
सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि मोती राम की पोस्टिंग पहलगाम में ही थी, मगर हमले से ठीक छह दिन पहले उनका ट्रांसफर कर दिया गया। क्या यह महज इत्तेफाक था या फिर कोई साजिश थी जो पर्दे के पीछे रची जा रही थी।
जवान या जासूस, खुफिया एजेंसियों की नजर में कैसे आया मोती राम
खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मोती राम पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से संपर्क में होने का शक है। आरोप है कि उन्होंने सुरक्षा बलों की मूवमेंट, ऑपरेशनल प्लान और संवेदनशील ठिकानों की जानकारी पाक एजेंट्स तक पहुंचाई।
इसके बदले उन्हें मोटी रकम दी जा रही थी। माना जा रहा है कि यह जानकारी पहलगाम आतंकी हमले की तैयारी में इस्तेमाल हुई हो सकती है।
संयोग या सोची-समझी साजिश
सवाल बहुत गहरे हैं क्या मोती राम का ट्रांसफर और छह दिन बाद हुआ हमला एक प्लान का हिस्सा था? या फिर सच में यह एक इत्तेफाक है जिसे अब संदिग्ध नजरों से देखा जा रहा है।
जांच एजेंसियों ने इस एंगल से छानबीन शुरू कर दी है। अब ये केवल जासूसी का मामला नहीं रहा बल्कि एक बड़े आतंकी हमले में इनसाइडर थ्रेट की पुष्टि की ओर बढ़ता प्रतीत हो रहा है।
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