उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के पुलिसकर्मियों द्वारा एक दलित युवक की कथित रूप से पिटाई करने तथा रुपए लेने के मामले में चौकी इंचार्ज समेत तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है साथ ही पुलिसकर्मियों पर विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।
पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने बुधवार को प्रेस को बताया कि थाना कोतवाली अंतर्गत रहने वाले दलित युवक नंदकुमार को शनिवार को पाकर चौकी पर तैनात पुलिसकर्मी पकड़ कर ले गए थे तथा चौकी में ले जाकर चौकी इंचार्ज व दो पुलिसकर्मियों ने उसकी पिटाई लगाई थी युवक की मांस बिक्री की दुकान है।
उन्होंने बताया कि मामला सोमवार को उनके संज्ञान में आया तब उन्होंने पुलिस अधीक्षक नगर सुधीर जायसवाल से पूरे मामले की जांच कराई जिसमें चौकी इंचार्ज दिनेशचंद्र, सिपाही श्रृषिपाल अत्री तथा सुमित सैनी को दोषी पाया गया जिसके बाद इन्हें निलंबित कर इन के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।
मीणा ने बताया कि पाकड चौकी के चौकी इंचार्ज आदि ने काफी अनुशासनहीनता की है जबकि मैंने पुलिसकर्मियों को निर्देश दे रखे हैं कि किसी कीमत पर अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी तथा थानो पर पंचायत लगाने वाले तथा फरियादियों की बात ना सुनने वाले पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पीड़ित के मुताबिक पुलिसकर्मियों ने उसके हाथ ऊपर करके बेरहमी से उसकी पिटाई की थी जिससे उसका शरीर नीला पड़ गया था तथा उसके भतीजे की दुकान में रखे ₹13 हजार रुपए भी निकाल लिए थे।
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