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health tips: फलों को अक्सर हेल्दी डाइट का हिस्सा बनाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि फलों के बिना डाइट पूरी नहीं मानी जाती। जो लोग प्रति दिन फल खाते हैं या फलों का जूस पीते हैं, वे उतने हेल्दी नहीं होते, जितने वे लोग जो फलों का सेवन नहीं करते। फल भी सेहत को कई पोषक तत्व प्रदान करते हैं। फल फाइबर, विटामिन और मिनरल्स के अच्छे स्रोत हैं। इसके अलावा फल खाने से शरीर को आंतरिक और बाहरी दोनों तरह से लाभ मिलते हैं। मगर, लोगों के मन में अक्सर ये सवाल होता है कि डाइट में फलों को शामिल करना चाहिए या फिर फलों का जूस पीना चाहिए। इसका जवाब एम्स की डॉक्टर प्रियंका सहरावत दे रही हैं। यहां जानें फल बेहतर हैं या फलों का जूस।

कुछ डॉक्टर के मुताबिक, वे अपने मरीजों को कभी भी फलों का जूस पीने की सलाह नहीं देते, बल्कि उन्हें सादे फल खाने के लिए कहते हैं। इसकी वजह यह है कि जब जूस बनाया जाता है, तो फलों का डायटरी फाइबर कम हो जाता है या लगभग शून्य हो जाता है। आंत के स्वास्थ्य और कब्ज से छुटकारा पाने के लिए डायटरी फाइबर की जरूरत होती है।


फल खाने के फायदे

रोजाना फल खाने से शरीर को कई लाभ मिलते हैं। फल खाने से शरीर को भरपूर मात्रा में फाइबर मिलता है। इससे कब्ज की समस्या दूर रहती है, पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है और पेट से जुड़ी शिकायत के होने की संभावना कम होने लगती है। 
फाइबर के सेवन से शरीर का बढ़ा हुआ वजन भी कम होने लगता है। खासकर सेब, अमरूद और नाशपाती खाने से वजन कम करने में मदद मिलती है। 
फलों में कैलोरी और वसा कम होती है। ये बॉडी में कैलोरी नहीं बढ़ाते और वजन को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं। 
फलों में सोडियम की मात्रा कम होती है, जिसके चलते फल खाने से हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिलती है। 
फल विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं। कई फलों में विटामिन ए, सी और ई होते हैं। फल मैग्नीशियम, जिंक, फॉस्फोरस, पोटेशियम और फोलिक एसिड के भी अच्छे भंडार हैं। 

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