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दोस्तों, गर्मी आ गई और गर्म लू का सामना हर किसी को ही करना पड़ता है।अगर आप सोचे कि आप दोपहर मे घर से बाहर निकलेंगे ही नहीं तो लू कैसे लगेगी तो आप अंधेरे में हैं, गर्मियों में लू सुबह 9 बजे से ही चलने लगती है और अब लोग अपना काम करना, व्यापारी अपना व्यापार करना और स्टूडेंट्स स्कूल और कॉलेज जाना तो छोड़ नही सकतें।

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लेकिन गर्मियों में घर से बाहर निकलने में यही डर लगता है कि कहीं हम भीषण हीटस्ट्रोक के शिकार न हो जाएं तो आपकी इस परेशानी से छुटकारा दिलाने के लिए हम कुछ ऐसे अचूक घरेलू उपचार लेकर आएं हैं जिनके उपयोग से आपको लू से निजात मिलेगी, इसलिए ये आर्टिकल पूरा अंत तक पढ़े।लू से निजात दिलाने वाले घरेलू उपचार के बारे में बताने से पहले चलिए आपको थोड़ा लू अर्थात् हीट स्ट्रोक के लक्षण और कारण के बारे में जानकारी देते हैं।

हीट स्ट्रोक क्या है

हीटस्ट्रोक एक ऐसी स्थिति है जब आपका शरीर उच्च तापमान के संपर्क में आ जाता है।हीटस्ट्रोक का यह सबसे गंभीर रूप गर्मी की चोट (Heat injury) है। हीट इंजरी तब होता है जब आपके शरीर का तापमान 104 F (40°C) या इससे अधिक हो जाता है।

यह गर्मी के महीनों में सबसे ज्यादा होता है।यू.एस. में हर साल 100,000 में से लगभग 20 लोगों में हीटस्ट्रोक होता है। यह ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा शहरी क्षेत्रों में ज्यादा होता है। यू.एस. में सालाना हीटस्ट्रोक से 240 से 833 मौते होती हैं।

लू कितने प्रकार की होती है

प्रमुख रूप से हीट स्ट्रोक दो प्रकार का होता है।

एक्सर्शनल हीट स्ट्रोक (Exertional heat stroke)

यह आमतौर पर गर्मियों में अधिक तापमान और आद्रता के होता है। यह मात्र कुछ घंटों के अंदर ही किसी व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है।

नॉन-एक्सर्शनल हीट स्ट्रोक (Non-exertional heat stroke)

इस प्रकार के हीट स्ट्रोक को क्लासिक हीट स्ट्रोक (Classic heat stroke) कहते हैं।यह अधिक उम्र के लोगों को जल्दी प्रभावित करती है और अगर आप किसी अन्य रोग (जैसे: डिहाइड्रेशन (Dehydration), burning आदि)   से पीड़ित है तो आपको चपेट में ले सकती है।

लू के लक्षण क्या हैं

अगर आपको निम्न में से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर को दिखा दे।

  • Anhidrosis (सूखी त्वचा जिसमें पसीना नहीं आता है, जो नॉन-एक्सर्शनल हीटस्ट्रोक का सबसे सामान्य लक्षण है)।
  • Ataxia (चलने और बातचीत करने में समस्याएं होना)।
  • शारीरिक संतुलन की समस्या होना
  • Delirium (हर चीज में भ्रम पैदा होना)।
  • चक्कर आना।
  • अत्यधिक पसीना आना (अधिकतर हीटस्ट्रोक में अधिक सामान्य)।
  • त्वचा का गर्म और पीला हो जाना।
  • निम्न या उच्च रक्तचाप।
  • सांस लेने के समय फेफड़ों से बुदबुदाती या गुर्राहट की आवाज आना।
  • मतली और उल्टी जैसा लगना।
  • Oliguria (कम मूत्र का उत्पादन होना)।
  • तेजी से सांस लेना।
  • Tachycardia (हार्टबीट तेज होना)।
  • दौरे आना
  • Syncope (बेहोशी) जैसे महसूस होना।
  • कमज़ोरी का अहसास होना।

हीट स्ट्रोक कैसे होता है

हीटस्ट्रोक तब होता है जब आपका शरीर ठंडा नहीं हो पाता।

हमारे दिमाग में हाइपोथैलेमस (Hypothalamus) नाम का एक भाग होता है जो कई शारीरिक कार्यों को नियंत्रित करता है। इसके अलावा ये शरीर के तापमान को संतुलित करता है।

अगर हीट स्ट्रोक का समय से उपचार न हुआ तो क्या हो सकता है

हीट स्ट्रोक का समय से उपचार न होने से निम्नलिखित कॉम्प्लिकेशन (Complications) हो सकते हैं।

  • एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (Acute respiratory distress syndrome)
  • दिमाग में सूजन होना
  • किडनी फेल (Kidney failure) हो जाना
  • लिवर फेल (Liver failure) हो जाना
  • मेटाबॉलिज्म (Metabolism) प्रभावित हो जाना
  • तंत्रिका तंत्र को क्षति होना
  • हृदय में खून का प्रवाह कम हो जाना

हीट स्ट्रोक के घरेलू उपचार

हीट स्ट्रोक होने की स्थिति में आप निम्न घरेलू उपचार को प्रयोग कर सकते हैं।

1.बटरमिल्क

बटरमिल्क पानी के रूप में शरीर को हाइड्रेट् और ठंडा रखता है।इससे प्रोटीन (Protein) , प्रोबायोटिक्स (Probiotic), विटामिन (Vitamin) और खनिज (Minerals) मिलते हैं जो शरीर की ऊर्जा आपूर्ति के लिए पर्याप्त होते हैं।

हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए बटरमिल्क का प्रयोग कैसे करे

आइए देखते हैं कि हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए बटरमिल्क कैसे प्रयोग करेगे।

=> दही के साथ पानी को मिलाएं।

=> इस मिश्रण में जीरा पाउडर (Coriander) और नमक डालें और अच्छी तरह से मिलाएं।

=> कम से कम 2 बार इसका सेवन करे ।

2. इमली का जूस

इमली डिहाइड्रेशन के कारण समाप्त हुए आवश्यक इलेक्ट्रोलाइट्स और पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है, जिससे शरीर का डिहाइड्रेशन दूर होता है।

हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए इमली का जूस का प्रयोग कैसे करे

आइए देखते हैं कि हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए इमली के जूस का प्रयोग कैसे करेगे।

=> कुछ मिनट के लिए इमली को उबाल लें।

=  स्वाद बढ़ाने के लिए छानने के बाद तरल में शहद या चीनी मिलाएं।

=>  ठंडा होने के बाद पियें

3. प्याज का रस

यह हीट स्ट्रोक के लक्षणों को कम करने के लिए जाना जाता है, हालांकि अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि आखिर यह लू के प्रभाव को कम कैसे करता है।

हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए प्याज का जूस का प्रयोग कैसे करे

आइए देखते हैं कि हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए प्याज के जूस का प्रयोग कैसे करेगे।

=> हीट स्ट्रोक अटैक के बाद जूस को कानों के पीछे, छाती पर और पैरों के नीचे लगाएं और तब तक लगा रहने दे जब तक की हीट स्ट्रोक के लक्षण दिखना कम या बंद नही हो जाते।

=> लक्षण दूर होने के बाद एक चम्मच प्याज के रस में थोड़ा सा शहद (honey) मिलाकर पी ले।

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